ग़ाज़ीपुर

विवादित भूमि न्यायालय में विचाराधीन,नहीं मिला परमिशन नहीं लगा वार्षिक मेला

देखा गया गांव में तनाव। पुलिस कर्मी चक्रमण करते रहे कि किसी भी प्रकार का विवाद उत्पन्न ना हो

गाजीपुर।विवादित भूमि न्यायालय में विचाराधीन,नहीं मिला परमिशन नहीं लगा वार्षिक मेला,देखा गया गांव में तनाव। पुलिस कर्मी चक्रमण करते रहे कि किसी भी प्रकार का विवाद उत्पन्न ना हो।मालूम हो कि मरदह थाना क्षेत्र के‌ नसीरुद्दीनपुर गांव में गौचर की जमीन पर नही हो सका उर्स मेले का दो दिवसीय आयोजन।गांव में गौचर हेतु सुरक्षित जमीन पर उर्स मेले के आयोजन की अनुमति नही मिलने पर मेले का आयोजन बुधवार को नही हो सका।जिसको देखते हुए सुबह से लेकर देर शाम तक शांति व्यवस्था कायम रखने हेतु शासन प्रशासन रहा चौकन्ना और मुस्तैद।अंतराष्ट्रीय हिन्दू परिषद राष्ट्रीय बजरंग दल प्रवीण तोगड़िया गुट के जिलाध्यक्ष दुर्गेश श्रीवास्तव ने ग्राम पंचायत में गौचर की जमीन पर गांव निवासी दो व्यक्ति द्वारा अवैध रूप से मजार बनाकर,झाड़-फूंक,धर्म परिवर्तन तथा उसी भूमि पर जो न्यायालय में मुकदमें विचाराधीन है वहां पर उर्स मेले का आयोजन करने की शिकायत उप जिलाधिकारी सदर के समक्ष दर्ज कराई थी।जिसकी जांचोपरांत मामला न्यायालय में पाया गया।जिसके बाद मेले की अनुमति नहीं दी गई।उर्स मेला आयोजन स्थल पर शांति व्यवस्था कायम रखने उप जिलाधिकारी सदर मनोज कुमार पाठक,क्षेत्राधिकारी कासीमाबाद अनिल चन्द्र तिवारी,नायब तहसीलदार सदर संतोष कुमार सहित एक सेक्शन पीएसी,चार उप निरीक्षक एवं भारी संख्या में पुलिस बल की तैनात रही।इस संबंध में उप जिलाधिकारी मनोज कुमार पाठक ने बताया कि शिकायतकर्ता द्वारा उक्त जमीन पर गांव निवासी सोनू उर्फ इन्तियाज व हदीश द्वारा अवैध रूप से मजार एवं कमरे का निर्माण कर झाड़ फूक एवं उर्स मेले का आरोप लगाया गया था,जिलाधिकारी महोदया के आदेशानुसार शांति व्यवस्था बनाएं रखने हेतु सुरक्षा व्यवस्था कायम रखी जा रही है।वहीं दूसरी ओर शिकायतकर्ता दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि अवैध मजार के बेदखली हेतु मुकदमा पंजीकृत जहां एक समुदाय द्वारा विवादित मजार पर 5 मार्च को उर्स मेला का आयोजन किया जाना था जिसे संगठन द्वारा संज्ञान में लेकर शिकायत की गई थी,जिसको जिला प्रशासन द्वारा संज्ञान में लिया गया तथा उर्स मेला का अनुमति नहीं दिया।इस दौरान गांव में तनाव देखने को मिला, चारों ओर सन्नाटा पसरा हुआ था, लोग अपने घरों के दरवाजे पर बैठे ही चर्चाएं करते नजर आएं,पुलिस कर्मी चक्रमण करते रहे कि किसी भी प्रकार का विवाद उत्पन्न ना हो

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