तख्ता मेला महाहर धाम:सस्ते दामों पर बिकते हैं सामान,कई जिलों से आते हैं व्यापारी
शादी से लेकर खेतों के उपयोग में काम में आने वाले सामानों की हो रही खूब खरीदारी

1400 में चौकी और 700 रुपये में मिलते हैं डिजाइनर टेबल
रिपोर्ट वरिष्ठ पत्रकार राहुल सिहं
गाजीपुर।मरदह।क्षेत्र के महाहर धाम शिव मंदिर परिसर में रविवार को पांचवें दिन भी मेले का आयोजन किया गया।
आयोजित होने वाले मेला की अलग पहचान हैं।यहां लकड़ी के सामान खरीदने के लिए लोगों की हमेशा भीड़ लगती है।
इसमें सबसे अधिक लकड़ी के तख्ते बिकते हैं,जिसके लिए करीब दो हजार तख्तें अभी तक बिक चुके हैं।तथा लगभग अभी तीन हजार बिकने के तैयारी में है।खास बात यह है कि मेले में आने वाले सामानों की गुणवत्ता इतनी अच्छी होती है कि स्थानीय लोग अनायास ही इस मेले की तरफ खिंचे चले आते हैं।कम से कम खर्च पर अच्छा सामान खरीदना सभी को अच्छा लगता है।मेले में चौकी,शादी-ब्याह में काम आने वाले सामान जैसे छोटे-छोटे ओखल मूसल,छोटे बच्चों के चलने में सहायका तीन पहिए वाली गाड़ी,बैलों को जोतने वाला जुआठ,खेतों में पानी फेंकने वाला पनिहा,हरीश,मचिया, पार,पीढ़ा,स्टूल, कुर्सी,सूप,सिल-लोढ़ा,चांकी,जांता,चौकी-बेलन इत्यादि बहुत ही सस्ता और गुणवत्ता पूर्ण मिलता है।मेले में आसपास के जनपद से भी कारोबारी आते हैं।मऊ के पिढ़वल क्षेत्र से आए दुकानदार बीरबल मौर्या,श्यामसुंदर, समसाबाद के अनिल विश्वकर्मा,कटघड़ा मधुबन के बचाऊं, घोसी के अमर,ओलिदपुर के रामआशीष विश्वकर्मा, पलिया के फैयाज,रतनपुरा के योगेन्द्र यादव,भातकोल के इसरार, लालजी,बलिया बेल्थरारोड के रोशन लाल,रसड़ा के मुन्ना यादव ने बताया कि वो 22 सालों से लगभग हर साल इस मेले में आते हैं और चौकियां बनाते हैं।उन्होंने बताया कि 1000 से लेकर 3500 तक की चौकियां बनाते हैं और सारी की सारी बिक जाती हैं।उन्होंने कहा कि सभी चौकियां गुणवत्ता पूर्ण और टिकाऊ होती हैं।आपको कभी भी इनमें कोई शिकायत नहीं मिलेगी।इसलिए दूरदराज से लोग आते हैं आम मार्केट में जो चौकी (तख्त) 4000 से शुरू होकर 8000 में मिलता है वहीं चौकी इस मेले 1200 से 3400 रुपये के बीच में ही मिल जा रही।आठ हजार में डिजाइनर पलंग,700 रुपये में डिजाइनर टेबल,3 हजार में आलमारी सहित अन्य फर्नीचर का सामान बेचा जाता है।दुकानदार ओमकार सागर,खरपत्तू,श्रवण शर्मा,उमा, दिनेश शर्मा,कमला बिन्द,श्याम बिहारी, विनोद विश्वकर्मा,महेन्द्र,धीरज,जगदीश ने बताया कि यह मेला सिद्धपीठ महाहर धाम शिव मंदिर परिसर में लगता है।जहां कई जिलों से लोग बड़े चाव से खरीदारी करते हैं।आगे कहा कि हम इस मेले में गुलर, बरगद,पाकड़,पीपल,आम,शीशम,लिफ्ट्स,नीम, अशोक, इत्यादि की लकड़ियों से दर्जनों प्रकार के वस्तुएं बनाते है जो कसरती,मजबूत और टिकाऊ होती हैं।बलिया जनपद के रसड़ा से आए दुकानदार सुजीत,जनार्दन अजीत,सोनू, आलोक,भगवान ने बताया कि लकड़ी के सामानों के अतिरिक्त इस मेले में सस्ते बर्तन,श्रृंगार,खिलौने और रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़े सामान भी बहुतायत मात्रा में मिलते हैं।