राष्ट्रीय

बहारों फूल बरसाओ मेरा महबूब आया है,जाने कैसे कब कहां इकरार हो गया

मैं कोई ऐसा गीत गाऊं के आरजू जगाऊं अगर तुम कहो और तेरा पीछा ना मैं छोडूंगा सुनाया

लखनऊ।सदाबहार नगमों से सजी सत्रहवें यूपी महोत्सव की शाम कमर्शियल ग्राउंड में दिनांक 15 दिसम्बर से चल रहे यूपी महोत्सव में 17 दिसंबर को सदाबहार फिल्मी नगमों से सुरमई शाम सजी।जिससे दर्शक भावविभोर हो उठे।एम पी मिश्रा ने – बहारों फूल बरसाओ मेरा महबूब आया है,जाने कैसे कब कहां इकरार हो गया गीत गाकर सभी का दिल जीत लिया।उसके बाद आलोक वर्मा ने – मैं कोई ऐसा गीत गाऊं के आरजू जगाऊं अगर तुम कहो और तेरा पीछा ना मैं छोडूंगा सुनाया।अनिल अग्रवाल ने – न हम तुम्हे जाने न तुम हमें जानो और ये रातें ये मौसम नदी का किनारा ये चंचल हवा सुनाया । सुनील सिन्हा ने – दिल में हो तुम और सुनयना गीत गाया।योगेश कपूर ने – सोलह बरस की बाली उमर को सलाम और तू ही मेरी शब है सुबह है। विनय कुमार ने – तुम अगर साथ देने का वादा करो और मुझे दर्द-ए-दिल का पता न था, मुझे आप किस लिये मिल गये सुनाया। ऋचा श्रीवास्तव ने – हम सफ़र मेरे हम सफ़र-और रजनीगंधा फूल तुम्हारे महके यूं ही जीवन में सुनाया।नारायन चाँदवानी ने – बहुत प्यार करते हैं, तुमको सनम और तुम बिन, जाऊँ कहाँ सुनाया । दीपक बनर्जी ने है अपनी आंखों में बसाकरऔर तेरे होंठों के दो फूल प्यारे प्यारे-प्रदेश की जानी मानी गायिका प्रीति लाल ने – ये है रेशमी जुल्फों का अंधेरा न घबराइए और तू शायर है मैं तेरी शायरी सुनकर दर्शकों की तालियां बटोरी।इसके बाद अभय श्रीवास्तव ,अनूप निषाद,संदीप अग्निहोत्री,आराधना सिंह ,अम्बर श्रीवास्तव,विवेक निषाद,आरती राठौर,जयति गुप्ता ने अपने गीत सुनाए।अंत में सांस्कृतिक अध्यक्ष श्रीमती प्रिया पाल सांस्कृतिक प्रभारी और लोकगायिका श्री मति प्रीति लाल ने सभी कलाकारों को प्रशस्ति पत्र और पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया।

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