परा विद्या आध्यात्मिक सेवा समिति का सप्तम वार्षिकोत्सव सत्संग कार्यक्रम सम्पन्न
मानव जीवन का परम उद्देश्य है परम ब्रम्ह अविनाशी परमात्मा का तत्व ज्ञान प्राप्त कर मोक्ष की प्राप्ति करना
मरदह गाजीपुर।विकासखंड के श्रवणडीह गांव में परा विद्या आध्यात्मिक सेवा समिति का सप्तम वार्षिकोत्सव सत्संग कार्यक्रम के साथ आयोजित किया गया।जिसमें मुख्य ट्रस्टी महेंद्र सिंह ने परा विद्या की प्रासंगिकता विषय पर अपने विचार व्यक्त करते कहा कि वह विद्या जिसके द्वार पर ब्रम्ह अविनाशी परमात्मा का तत्व ज्ञान होता है वह परा विद्या है।मानव जीवन का परम उद्देश्य है परम ब्रम्ह अविनाशी परमात्मा का तत्व ज्ञान प्राप्त कर मोक्ष की प्राप्ति करना।नारायण सूक्त में बताया गया है कि कण-कण में व्याप्त ब्रम्ह ही सत्य है उसे विदित करने के अतिरिक्त मोक्ष का दूसरा साधन नहीं है।श्वेताश्वर नामक महर्षि तप के प्रभाव से और परमदेव की कृपा से ब्रम्ह को जान सके तथा उन्होंने ऋषि समुदाय को अवगत कराया।आजकल हमारे आध्यात्मिक त्योहारों के प्रति युवाओं की रुचि कम होती जा रही है क्योंकि सही ढंग से तर्क सहित नहीं समझना भी एक कारण हो सकता है।इस मौके पर संत विवेकानंद,संत अनमोल,राजेंद्र राय,रामायन शर्मा,कृष्णानंद,विपिन सिंह, जितेन्द्र वर्मा,आदि मौजूद रहे।