आस्था का महापर्व : कांचहि बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाय…
जनपद में 121 घाट और 755 तालाबों की ओर जाने वाले सभी मार्गों पर श्रद्धालुओं की भीड़ रही
गाजीपुर।जनपद में 121 घाट और 755 तालाबों की ओर जाने वाले सभी मार्गों पर श्रद्धालुओं की भीड़ रही।आलम यह रहा कि जिधर भी नजर जाती, उधर सिर पर दौरी, हाथों में ईख और कलश पर दीपक लिए व्रती महिलाएं और उनके परिजन ही नजर आई। मनोकामना पूर्ण होने पर कई व्रतियों और लोगों ने घर से लेकर घाट तक साष्टांग प्रणाम करते हुए दूरी तय की। लोग ढोल-ताशे के साथ गंगा घाटों की ओर निकले। कांचहि बांस के बहंगिया बहंगी लचकत जाए…पहिले पहिल हम कईनी, छठी मईया व्रत तोहार..दुखवा मिटाईं छठी मईया…जैसी छठ गीतों से घाट गूंजते रहे। अस्ताचल भगवान सूर्य को प्रथम अर्घ्य बृहस्पतिवार की शाम को दिया गया। उधर, घाटों पर सुरक्षा को लेकर पुलिस चक्रमण करती रही। विभिन्न स्वयं सेवी संस्थाओं के द्वारा व्रतियों के लिए दूध के साथ ही चाय का इंतजाम रहा।दोपहर दो बजे के बाद से व्रती महिलाओं तथा उनके परिवार के अन्य सदस्यों का गंगा घाटों के लिए निकलने का क्रम शुरु हो गया था। चार बजते-बजते सभी गंगा घाट श्रद्धालुओं की भीड़ से पट गए। घाटों पर पहुंची व्रती महिलाएं सुपेली में फल, पान की पत्ती, सुपारी, नारियल, अगरौटा आदि पूजा से संबंधित सामानों को लेकर घाटों पर पहुंची थी। इसके बाद वेदी को गंगा जल से धोकर धूप-अगरबत्ती जलाने और ईख को लगाकर कलश स्थापित किया। इसके बाद पूजन-अर्चन किया। सूर्यास्त से पहले व्रती महिलाएं गंगा में पहुंची और हाथों में सुपेली लेकर सूर्य की उपासना की। बाद में अस्त होते सूर्य को व्रती महिलाओं और परिवार के अन्य सदस्यों ने अर्घ्य दिया। शहर के ददरीघाट, कलेक्टर घाट, सिकंदरपुर घाट, चीतनाथ घाट, अंजही घाट, पोस्ताघाट, नवापुरा घाट, कोयलाघाट सहित अन्य घाटों पर आस्था का सैलाब उमड़ा। अर्घ्य का कार्य संपन्न होने के बाद व्रती महिलाएं तथा उनके घर के सदस्य घरों को लौटे।मुहम्मदाबाद :महादेवा सोमेश्वर महादेव के मंदिर के पास पोखरे में पूजन के लिए महिलाओं का सैलाब उमड़ा। स्थान न मिलने पर पोखरे के ऊपर बच्छलकापुरा जाने वाली सड़क पर आकर वेदी बनाकर भगवान भुवन भाष्कर का पूजन-अर्चन किया। इसके अलावा गंगा नदी के तट पर बच्छलकापुरा, सेमरा, तिवारीपुर, सुल्तानपुर, गौसपुर आदि गांवों में तो वहीं मगई नदी के तट पर हाटा, सिलाइच, सलेमपुर आदि गांवों की महिलाओं ने छठ पूजन किया। नगर की बहुत सी महिलाओं ने यूसुफपुर एवं हनुमानगंज स्थित पोखरे पर जाकर छठ पूजन किया।
औड़िहार: सैदपुर के पक्का घाट, बूढ़ेनाथ महादेव घाट, संगत घाट, रंग महल घाट, कोल्हुवा घाट, रामघाट, गायघाट पर हजारों व्रती महिलाओं ने अस्ताचल गामी सूर्य को अर्घ्य दिया।औड़िहार के आदित्य बिरला घाट, पटना घाट पर व्रती महिलाओं की भीड़ उमड़ी। इसी प्रकार भीमापार, सादात, कासिमाबाद, खानपुर, सिधागरघाट, करीमुद्दीनपुर, मरदह, दुबिहा, करंडा, बहरियाबाद, नंदगंज, देवकली, सेवराई, जमानिया, मनिहारी, दुल्लहपुर, दिलदारनगर, बिरनो, जखनिया, बारा आदि क्षेत्रों के नदी, पोखरों, तालाबों पर अस्ताचल सूर्य को प्रथम अर्घ्य दिया गया।
मां की इच्छा पूरी करने को सड़क पर लेटकर घाट तक पहुंचा बेटा
गाजीपुर। डाला छठ के मौके पर श्रवण कुमार की भूमिका में बृहस्पतिवार को सुनील नजर आए। जिस प्रकार श्रवण कुमार अपने कंधे पर बैठाकर माता-पिता को लेकर तीर्थ यात्रा पर निकले थे, उसी तरह नगर के सकलेनाबाद निवासी सुनील कुमार अपनी मां सावित्री देवी की इच्छा पूरी करने को लेकर पूरी सड़क पर दंडवत प्रणाम करते हुए ददरीघाट पहुंचे। उन्होंने बताया कि वह वर्ष 2009 से दंडवत प्रणाम करते हुए गंगा तक पहुंचते हैं। मेरी मां डाला छठ का व्रत रखती थीं। तबीयत खराब होने पर मां ने मुझसे पूछा कि अब डाला छठ का पर्व कौन करेगा। इसके बाद मैंने मन में ठान ली कि मां की इच्छा को मैं पूरा करुंगा। संवाद
डीएम-एसपी ने नाव से गंगा घाटों का लिया जायजा
गाजीपुर। डीएम आर्यका अखौरी, एसपी डॉ. ईरज राजा, नगर पालिका चेयरमैन सरिता अग्रवाल व पूर्व चेयरमैन विनोद अग्रवाल ने बृहस्पतिवार को नाव के जरिए गंगा घाटों का निरीक्षण किया। इस दौरान सिकंदरपुर घाट, चीतनाथ घाट, ददरीघाट, कलक्टर घाट सहित विभिन्न गंगा घाटों का जायजा लिया। डीएम ने अपील की कि श्रद्धालु गहरे पानी में न जाए। एसपी ने पुलिसकर्मियों को निर्देश दिया कि वह लगातार सक्रिय रहे। किसी प्रकार की कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। संवाद
प्रसाद बनाने में जुटी रहीं व्रती महिलाएं
गाजीपुर। शाम को घाटों पर जाने से पूर्व सुबह से ही व्रती महिलाएं एवं उनके परिवार के अन्य सदस्य पूजा की तैयारी में जुट गए थे। पूजा वाले कमरे की सफाई के साथ ही धुलाई की गई। इसके बाद मिट्टी एवं ईंट के चूल्हे पर लकड़ी पर पहले व्रती महिलाओं ने अपने हाथों से मुख्य प्रसाद बनाया। इसके बाद शेष प्रसाद को घर की अन्य महिलाओं ने तैयार किया। दोपहर तक प्रसाद बनाने का कार्य किया गया। प्राय: सभी मुहल्लों की गलियों से खस्ता और ठेकुए की सोंधी खुशबू आती रही।
रोशनी से जगमगा रहे थे गंगा घाट
गाजीपुर। श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए घाटों पर विभिन्न समितियों की तरफ से रोशनी सहित अन्य व्यवस्था की गई थी। शहर के ददरीघाट, कलेक्टरघाट, चीतनाथ घाट, नवापुरा घाट, सिकंदरपुर घाट, अंजही घाट, पोस्ताघाट सहित अन्य घाट ट्यूबलाइट और रंग-बिरंगी झालरों की रोशनी से जगमगा रहे थे। घाटों का नजारा देखते ही बन रहा था। एक तरफ जहां रंग-बिरंगी झालर अनुपम छटा बिखेर रही थीं, वहीं दीपों की मद्धम रोशनी बरबस लोगों को आकर्षित कर रही थी। घाटों पर बड़े-बड़े साउंड बाक्सों पर बजते छठ मैया के गीत से लोग मुग्ध हो गए थे।
युवाओं और बच्चों ने जमकर की आतिशबाजी
गंगा घाटों पर एक तरफ जहां व्रती महिलाएं पूजन-अर्चन में जुटी थीं। वहीं युवा एवं छोटे बच्चे आतिशबाजी में जुटे रहे। शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों के गंगा घाटों पर घंटों आतिशबाजी होती रही। ददरीघाट, चीतनाथ घाट, कलेक्टरघाट, अंजही घाट, सिकंदरपुर घाट सहित अन्य घाटों पर तेज आवाज वाले पटाखों के साथ ही रोशनी वाले पटाखे छोड़े गए। आतिशबाजी का सिलसिला घाटों से लौटने के बाद रात तक चलता रहा।
सेल्फी लेने की मची रही होड़
डाला छठ पर घाटों, पोखरों एवं सरोवरों पर हजारों की संख्या में लोग पहुंचे थे। आस्था के इस क्षण को तीसरी नजर में कैद करने की होड़ रही। श्रद्धालुओं विशेषकर युवा सेल्फी लेने में व्यस्त रहे। किसी ने परिजनों संग तो किसी ने दोस्तों संग महत्वपूूर्ण पल को मोबाइल के कैमरे में दर्ज किया।