ग़ाज़ीपुर
लाखों रुपए डकारने के बाद भी कूड़ा प्रबंधन केंद्र दुर्खुर्शी शो पीस
वर्षों से मिनी सचिवालय/पंचायत भवन दुर्खुर्शी पर लटक रहा ताला
गाजीपुर।मरदह विकासखंड के दुर्खुर्शी गांव में जन समस्याओं का लगा गंभीर अंबार,उसके बाद भी गांव से लेकर ब्लाक मुख्यालय पर बैठे जिम्मेदार लोग सरकारी योजनाओं को पलिता लगाने में जुटे हुए हैं।गांव में एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र निर्माण वित्तीय वर्ष 2022-23 का निर्माण हो चुका है।पर वर्षों बाद भी लाखों रुपए की लागत से तैयार यह भवन शो पीस बना हुआ है। इसके दीवार पर मोटी अक्षर में प्रधान से लेकर जिलाधिकारी का नाम अंकित है।पर भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबे लोगों द्वारा कार्यदाई संस्था नाम तथा केंद्र भवन निर्माण की धनराशि अंकित नहीं की गयी जिससे यह प्रतीत होता नजर आ रहा है।इसमें बहुत गड़बड़झाला किया गया है।इस भवन पर एक वर्ष से लगातार ताला लटक रहा रहा है।गांव की बेचारी जनता अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रही है।इस समय गांव में कोई भी सरकारी सुविधा संचालित नहीं हो रही है।सब कागजों पर दम तोड़ रही है।जिससे प्रतिदिन ग्रामीणों को दर-दर की ठोकेरे खाने पर मजबूर होना पड़ रहा है।उसके बाद भी कोई शुद्ध लेने वाला नहीं है मालूम हो कि ग्राम पंचायत में लगभग दस हजार की आबादी निवास करती है।जो ब्लॉक मुख्यालय से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।कहने को यहां पर मिनी सचिवालय/ पंचायत भवन तो बना जहां पर लाखों रुपए खर्च करके लोगों को सुविधा देने की बात की गई परंतु वर्षों से लगातार सचिवालय पर ताला बंद होने से ग्रामीणों को विकासखंड,तहसील,जिला मुख्यालय पर दौड़ भाग करनी पड़ रही है।सामूदायिक शौचालय पर गंभीर गंदगी का अम्बार पसरा हुआ जहां जिम्मेदारों की नजर नहीं पड़ रहा है।इन सब अव्यवस्थाओं को देखकर यह लगता है कि योगी सरकार का हनक बेअसर है-बेलगाम हैं यहां के जनप्रतिनिधि और अधिकारी व कर्मचारी।अब सवाल यह है कि लाखों रुपए जनता के नाम पर खर्च होने के बाद भी यहां की जनता अपने आप को ठगा महसूस करें।तो इसका अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां पर कितना सरकारी धन और योजनाओं के नाम पर गड़बड़झाला किया गया है।गांव के एक आदमी ने बताया कि दर्जनों बार शिकायत के बाद भी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ जस की तस स्थिति बनी हुई है।और भ्रष्टाचार चरम सीमा को पार कर चुका है।समाचार का शेष भाग जल्द ही अगले दिन।