ग़ाज़ीपुर
रायपुर बाघपुर गांव में चल रहे चकबंदी प्रक्रिया में मानकों की अनदेखी करने का आरोप
सन् 1993 से चल रही चकबंदी प्रक्रिया जिसको आजतक पूर्ण नही होने से किसानों के लिए चिंता का विषय बना हुआ

मरदह गाजीपुर।किसानों की शिकायत पर चकबंदी विभाग के अधिकारियों ने लगाया चौपाल।क्षेत्र के रायपुर बाघपुर गांव में चल रहे चकबंदी प्रक्रिया में मानकों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री,जिलाधिकारी, मुख्यमंत्री,चकबंदी आयुक्त,उप जिलाधिकारी,के यहां शिकायत किया था। किसान सीताराम पाण्डेय,रामनरेश यादव,मुन्ना पाण्डेय,उदयी पाण्डेय,डब्बू पाण्डेय,राजेंद्र शर्मा,देवेन्द्र शर्मा, ने शिकायत पत्र के माध्यम से बताया कि गांव सन् 1993 से चल रही चकबंदी प्रक्रिया जिसको आजतक पूर्ण नही होने से किसानों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।जिसमें छोटे किसानों का चक मानक विहिन बनाया गया है।प्रत्येक चक को चकरोड चकमार्ग चकनाली से नहीं जोड़ा गया।होलिका दहन के लिए कोई जमीन सुरक्षित नहीं की गयी है।पशु शव दाह के लिए कोई जमीन नहीं है।गांव सात पुरवों में बंटा हुआ है लेकिन अभी तक 30 प्रतिशत जमीन की पैमाइश नहीं हुई।साथ ही साथ गांव में अस्पताल,आंगनबाड़ी,अंत्येष्टि स्थल,सहित सार्वजनिक भवन निर्माण के लिए कोई जमीन सुरक्षित नहीं है।एक किसान का चक एक या दो जगह होना चाहिए पर ऐसा नहीं हुआ।तीन से पांच चक बना दिए गए।आबादी की जमीन सिर्फ एक ही मजरे सुरक्षित कर दी गई।तथा विभाग के अधिकारी धारा 52 प्रकाशन करने के फिराक में है। शिकायत के जांच के लिए चकबंदी विभाग के अधिकारियों ने ग्राम पंचायत कार्यालय पर जन चौपाल लगाकर समस्याएं सुनी।इस संबंध में एस ओ सी रमजान बक्श ने वार्ता में बताया कि किसानों की समस्याओं सुनकर आश्वस्त किया कि जल्द से जल्द सभी मानकों की पूर्ति की जाएगी।इस मौके पर विभाग के सीओ शिवनाथ पाण्डेय,एसीओ अरूण कुमार, लेखपाल सूरज सिंह आदि मौजूद रहे।