मनुष्य को अपने जीवन के कुछ क्षण परोपकार में व्यतीत करना चाहिए:महेश दास
मनुष्य को अपने जीवन के कुछ क्षण परोपकार में व्यतीत करना चाहिए
कासीमाबाद गाजीपुर।क्षेत्र के बेलसड़ी गांव स्थित सिद्धपीठ सीतादास आश्रम पर वृहस्पतिवार को साप्ताहिक भजन कीर्तन प्रवचन सत्संग सहित प्रसाद वितरण का आयोजन किया गया।जिसमें सैकड़ों भक्त भाग लेकर पुण्य के भागी बनें।इस अवसर पर महंत बाल योगी महेश दास जी ने उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा की प्रत्येक मनुष्य को अपने जीवन के कुछ क्षण परोपकार में व्यतीत करना चाहिए जिससे सुख शांति और समृद्धि प्राप्त होगी।माता पिता और गुरूओं का सदा सम्मान करने से व्यक्ति समाज में सदैव सम्मानजनक स्थान प्राप्त करता है।गुरु महिमा का बखान करते हुए उन्होंने कहाकि गुरु तथा देवता में समानता के लिए एक श्लोक के अनुसार- ‘यस्य देवे परा भक्तिर्यथा देवे तथा गुरु’ अर्थात जैसी भक्ति की आवश्यकता देवता के लिए है वैसी ही गुरु के लिए भी।बल्कि सद्गुरु की कृपा से ईश्वर का साक्षात्कार भी संभव है।गुरु की कृपा के अभाव में कुछ भी संभव नहीं है।उन्होंने कहा कि जब तीन उत्तम शिक्षक,एक माता,दूसरा पिता और तीसरा आचार्य हो तभी मनुष्य ज्ञानवान होगा। बच्चा जन्म लेने के बाद जब बोलना सीखता है तब वह सबसे पहले जो शब्द बोलता है वो शब्द होता है “मां”।एक मां ही बच्चे को बोलना, खाना-पीना, चलना-फिरना आदि सिखाती है इसलिए एक मां ही हर मनुष्य की प्रथम गुरु होती है।इस मौके पर रामविलास राय,जेपी राय,शैलेश यादव,वंश बहादुर सिंह, रामबचन यादव,भयंकर यादव,राजीव यादव,श्रीनाथ यादव,दिनेश यादव, आदि मौजूद रहे।