जल जीवन मिशन की हर घर नल से जल योजना जनपद में बनी जी का जंजाल,फंस गए बसपा नेता
जल जीवन मिशन की हर घर नल से जल योजना जनपद में बनी जी का जंजाल
गाजीपुर।जल जीवन मिशन की हर घर नल से जल योजना
जनपद में बनी जी का जंजाल विभाग के बेलगाम कर्मचारी पाइप लाइन बिछाने के लिए नयी या पुरानी सड़कों पर बेधड़क खुदाई करके पाइप तो बिछा दें रहे लेकिन पाइप डालने के बाद गढ्ढे में बिना मिट्टी भराई के ही रफूचक्कर हो जा रहे हैं जिसका खामियाजा भोले भाले ग्राम वासियों सहित अनजान राहगीरों को भुगतना पड़ रहा वहीं दूसरी ओर ग्राम पंचायत को भी लाखों रुपए की क्षतिपूर्ति उठानी पड़ रह जिसके प्रति कार्यदाई संस्था लापरवाह दिख रही। उदाहरण के तौर पर देखें तो मरदह विकासखंड के 63 ग्राम पंचायतों में बेतरतीब तरीके से पाइप लाइन बिछाकर गांव के लोगों को काफी दिक्कतों में डालकर दिया है।ब्लाक के सराय मुबारक गांव में देखा जाए तो पाइप लाइन बिछाकर गढ्ढे की भराई महीनों बाद भी नहीं हुई, जिससे राहगीरों की जान पर सामत आ गयी है।जनपद के बहुजन समाज पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष विनोद बागड़ी किसी कार्यवश सराय मुबारक गांव में अपने समर्थकों संग स्कार्पियो गाड़ी संग आएं थे जहां वापसी के समय पाइप लाइन के गढ्ढे में वाहन धंस गया जिसको बाहर निकालने लिए दर्जनों लोगों संग घंटों मशक्कत करनी पड़ी।ऐसे बहुत ही वाकए प्रतिदिन देखने को मिलते है लेकिन विभागीय अधिकारियों सहित क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की उदासीनता से जल जीवन मिशन की हर घर नल से जल योजना के कर्मचारियों के हौंसले बुलंद हैं।वहीं धीमी गति से चल रहे कार्य पर जहां सवाल उठाए जा रहे हैं।वहीं इस योजना के ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छी खासी सड़कों को ध्वस्त करके पाइप लाइन बिछाकर गांव को नारकीय स्थिति में ढकेल दिया जा रहा है।सड़क निर्माण के लिए एक वृहद कार्ययोजना तैयार करने की जरूरत दिख रही लेकिन इसके तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है।भू-गर्भ जल स्तर के निरंतर नीचे जाने से देश में पानी का संकट है।केंद्र सरकार की हर घर नल से जल योजना का काम बेहद धीमी गति में चल रहा है।इसके निर्माण में तेजी लाई जाने की आवश्यकता है।जिससे लोगों को पीने का शुद्ध पेयजल जल्द से जल्द मिल सके।इस योजना के तहत खराब सड़कों के निर्माण के लिए वृहद कार्ययोजना तैयार की भी बेहद जरूरत है।जिससे एक गांव से दूसरे गांव का संपर्क जुड़ सके।आज भी तमाम गांव ऐसे है जहां पर पक्की सड़क न होने से ग्रामीण जलभराव व कीचड़ से होकर मुख्यालय या अन्य गांवों को लोग जाने को विवश है।