सड़क पर पानी और कीचड़ होने से लोगों का निकलना दुश्वार,जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान
सड़क पर पानी और कीचड़ होने से लोगों का निकलना दुश्वार,जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान
फुल्लनपुर बाईपास मार्ग पर फैला कीचड़,गंदगी में जिंदगी: गली-गली कीचड़ और उनमें मक्खी-मच्छर,बरसों से लगा रहे गुहार,आश्वासन बहुतेरे,विकास जीरो
गाजीपुर।बारिश की वजह से सड़कों पर गंदगी, कीचड़ व जलजमाव की स्थिति हो गई है। जबकि शहर से लेकर गांव तक की सड़कों को बनवाने से लेकर मरम्मती करण के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए गए हैं।सदर ब्लाक के फतेहपुर सिकंदर फुल्लनपुर में मुख्य मार्ग से बाईपास मार्ग में बरसाती पानी के जमाव से सड़क पूरी तरह से कीचड़ में तब्दील हो गई है जिसकी वजह से लोगों का पैदल चलना भी दुश्वार हो गया है।सदर ब्लॉक क्षेत्र का गांव है फतेहपुर सिकंदर (फुल्लनपुर), स्थानीय लोगों का जनजीवन बदहाली से भरा है। गली-गली जलभराव और कीचड़ है और उनमें मक्खी-मच्छरों की भरमार है। हर तरफ गंदगी पसरी हुई है। बरसों बरस से यहां के निवासी इससे निजात पाने की गुहार लगाते आ रहे हैं लेकिन आश्वासनों के सिवा आज तक इस गांव को कुछ नहीं मिला। चौतरफा फैली इस गंदगी से ग्रामीणों में बीमारियों का खतरा भी हर समय बना हुआ है।जनप्रतिनिधियों और प्रशासन की उपेक्षा से परेशान होकर गांव के निवासी अपनी नाराजगी भी जता रहे हैं। ग्रामीणों ने कहा कि जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों के दरवाजे तक गुहार लगाने के बावजूद बरसों बरस से नारकीय जीवन जीना पड़ रहा है। गांव के मुख्य मार्ग पर जलभराव से सड़क इतनी खराब हो चुकी है कि पैदल निकलना तक मुश्किल हो रहा है। बेहद सावधानी से निकलना पड़ रहा है नहीं तो कीचड़ में गिरना और कपड़े खराब होना तय है। बारिश के बाद कीचड़ और गंदगी से लोगों का बुरा हाल है। पक्की सड़कों पर कीचड़ के कारण पैदल चलना भी दूभर बना हुआ है। गंदगी से बीमारी फैलने का डर भी लोगों को सता रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कई शिकायतों के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इससे हालात और बद्तर होते जा रहे हैं। इससे इलाकाई लोगों में खासा रोष है। जिला मुख्यालय से दो किलोमीटर दूर स्थित फुल्लनपुर स्थित बाईपास मार्ग पर जल भराव के बाद अब कीचड़ राहगीरों सहित स्थानीय लोगों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है। पूरे दिन व्यस्त रहने वाले मार्ग पर पैदल चलने वालों को अपने कपड़े बचाकर निकलना पड़ रहा है। बुजुर्ग लाठी अभिभावकों का हाथ पकड़कर जैसे तैसे रास्ते को पार कर रहे हैं। जबकि दो पहिया वाहन सवार तो फिसलकर चुटहिल तक हो रहे हैं। ग्रामीण महेश बिंद, सुनील यादव, राजीव कुमार सिंह, दीनानाथ तिवारी, मंजू गुप्ता, राधिका देवी का कहना है कि रात के वक्त तो सड़क से गुजरने का मतलब है कि फिसलकर चोट आना तय है। नाली से कचरा निकाल कर सड़क पर रख दिया गया है और बारिश के बाद सड़क पर फैल गया है। कीचड़ के कारण सड़क पर हुआ गड्ढा भी नजर नहीं आ रहा है। मामूली सी बारिश भी जलभराव कर देती है। उसके बाद होने वाला कीचड़ समस्या सामने खड़ी कर देता है। रोड पर नालियां चोक होने से घरों का पानी भी गली और सड़क पर ही भरा रहता है। इससे कीचड़ और भी खत्म होने का नाम नहीं लेता है।