आज के दिन ही 1942 में अंग्रेजों भारत छोड़ो का नारा बुलंद किया
आज के दिन ही 1942 में अंग्रेजों भारत छोड़ो का नारा बुलंद किया

गाज़ीपुर।उत्तर प्रदेश 9 अगस्त को क्रांति दिवस के अवसर पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय आवाहन एवं संयुक्त किसान मोर्चा की आवाहन पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी कार्यालय से जुलूस के रूप में पहुंच कर सरजू पांडे पार्क में शहीदों के याद में धरना किसान सभा के राष्ट्रीय सचिव पूर्व विधायक कां राजेंद्र यादव की अध्यक्षता में दिया गया
धरने को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि आज के दिन ही 1942 में अंग्रेजों भारत छोड़ो का नारा बुलंद किया गया भारत का जनमानस उदलित हो गया हिंदू मुस्लिम सिख इसाई एक साथ एकता बंद होकर आंदोलन में कूद पड़े देश की आजादी में आरएसएस हिंदू महासभा को छोड़कर कांग्रेस कम्युनिस्ट सोशलिस्ट सभी ने भाग लिया लंबी कुर्बानी के बाद देश आजाद हुआ लेकिन सत्ता किसानों मजदूरों के हाथ में नहीं आकर पूंजी पत्तियां की समर्थक पार्टी के हाथ में चली गई आजादी के गर्भ से ही भारत का संविधान बना और लागू हुआ जिन्होंने आजादी आंदोलन में भाग नहीं लेकर अंग्रेजों और राजाओं के साथ रहे आज वे सत्ता में है इनका संविधान में विश्वास नहीं है आज किसानों मजदूरों महंगाई बेरोजगारी भ्रष्टाचार स्वास्थ्य शिक्षा का प्रश्न देश का बड़ा सवाल है सत्ता पक्ष इस पर चर्चा ना करके केवल विभाजनकारी मुद्दों पर जोर दे रहा है यह राष्ट्र के लिए विनाशकारी है अंत में संयुक्त किसान मोर्चा एवं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने महामहिम राष्ट्रपति महामहिम राज्यपाल द्वारा जिलाधिकारी के माध्यम से मांग पत्र दिया गया
धरने को मुख्य रूप से किसान सभा के राष्ट्रीय सचिव एवं भाजपा राज्य कार्यकारिणी के सदस्य पूर्व विधायक राजेंद्र यादव जिला सचिव जनार्दन राम अमेरिका सिंह यादव विजय बहादुर सिंह राम अवध ईश्वर लाल गुप्ता नसरुद्दीन अहमद अशोक मिश्रा राजदेव यादव योगेंद्र यादव वीरेंद्र कुमार गौतम भूरा यादव रामकिर यादव राम शुक्ला फूलमैन रामलाल मारकंडे प्रसाद भोला यादव शीला देवी बच्चे लाल राजेंद्र यादव बब्बन यादव बटोर गुप्ता रामापांडे अंगद यादव राजेंद्र प्रसाद भृगुनाथ राम देवेंद्र यादव ने विचार व्यक्त किया सक्षम अधिकारी द्वारा आकर मांग पत्र लिया।अंत में बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री वामपंथ के बड़े नेता बुद्धदेव भट्टाचार्य के देहांत होने के उपरांत 2 मिनट मौन होकर शोक संवेदना व्यक्त किया गया अंत में धरना अध्यक्ष की अनुमति से समाप्त किया गया