राजनीति

जनेश्वर मिश्र को महान नेता बताते हुए समाजवादी आंदोलन का प्रमुख स्तंभ बताया

जनेश्वर मिश्र को महान नेता बताते हुए समाजवादी आंदोलन का प्रमुख स्तंभ बताया

गाजीपुर।समाजवादी नेता ,छोटे लोहिया के नाम से दुनिया में विख्यात स्वर्गीय जनेश्वर मिश्रा जी की जयंती के अवसर पर समाजवादी पार्टी गाजीपुर के तत्वाधान में पार्टी कार्यालय समता भवन पर जिलाध्यक्ष गोपाल यादव की अध्यक्षता में माल्यार्पण कार्यक्रम एवं विचार गोष्ठी आयोजित हुई।
गोष्ठी आरंभ होने के पूर्व समाजवादी पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं एवं नेताओं ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए लोकतंत्र की रक्षा एवं समाज में व्याप्त गैर बराबरी को समाप्त करने के साथ-साथ लोकतंत्र, संविधान, धर्मनिरपेक्षता एवं समाजवाद के विरोधी साम्प्रदायिक एवं फासिस्टवादी भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया।गोष्ठी में अपने विचार व्यक्त करते हुए समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष गोपाल यादव ने स्वर्गीय जनेश्वर मिश्र को महान नेता बताते हुए समाजवादी आंदोलन का प्रमुख स्तंभ बताया।उन्होंने कहा कि वह समाजवाद के पुरोधा थे।उन्होंने अपने वसूलों और सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं किया।उनके मन में गरीब ,कमजोर और पीड़ितों के लिए करुणा थी।वह पूरा जीवन सरलता ,ईमानदारी और सादगी की चादर ओढ़े रहे।उन्होंने अन्याय, शोषण,अत्याचार,भेदभाव,छुआछूत और पूंजीवाद के खिलाफ आजीवन संघर्ष किया।वह खांटी समाजवादी थे, वह कहा करते थे कि गरीबों के आंसू पूछना ही सच्चा समाजवाद है।डॉ लोहिया ने उनके बारे में कहा था कि जनेश्वर जी जैसा एक भी नेता अगर मुल्क में रहेगा तो तानाशाही ताकत देश में कभी भी अपना सर नहीं उठा सकती।विधायक जै किशन साहू ने जनेश्वर जी को नमन करते हुए कहा कि जनेश्वर जी अपृश्यता के खिलाफ जीवन पर्यंत लड़ाई लड़ी और उसके खिलाफ आंदोलन भी किया । छुआछूत को पूरे देश के लिए कलंक मानते थे।उनके मन में बचपन से ही सामाजिक व्यवस्था में व्याप्त विसंगतियों के प्रति विद्रोह की भावना थी ।आंदोलन और संघर्ष उनके जीवन के मूल मंत्र थे।वह सामाजिक और राजनीतिक जीवन में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के पैरोकार रहे।आज जब मोदी की तानाशाही नीतियों के चलते पूरा देश त्राहि-त्राहि कर रहा है , जब देश का किसान,नौजवान,व्यापारी,बहू-बेटियां हैरान व परेशान है,ऐसे समय में आज पूरा मुल्क जनेश्वर जी को बड़ी शिद्दत से याद कर रहा है कि जनेश्वर जी यदि आज जिन्दा होते तो तानाशाही ताकतों पर लगाम कसने का काम जनेश्वर जी करते।इस अवसर पर मुख्य रूप से पूर्व विधायक खुर्शीद अहमद,पूर्व जिलाध्यक्ष सुदर्शन यादव,रामधारी यादव,मदन यादव,अशोक कुमार बिंद,अरुण कुमार श्रीवास्तव,मुन्नन यादव,रामबचन प्रधान,राजकुमार पांडेय,रामबचन यादव, अशोक अग्रहरि,विभा पाल,आशा यादव,तहसीन अहमद,डाॅ समीर सिंह,गोवर्धन यादव,जुमाउद्दीन,धर्मेन्द्र यादव,उदय यादव,यादव,रीना यादव,संतोष यादव,जमुना यादव,रामाशीष यादव,बैजू यादव,पंकज यादव,अदनान खां,सुग्गु यादव, अशोक यादव,वंश बहादुर कुशवाहा,शिवशंकर यादव,तिलक यादव,विजय शंकर यादव,शिवकुमार यादव,आदि उपस्थित थे।गोष्ठी का संचालन जिला उपाध्यक्ष कन्हैया लाल विश्वकर्मा ने किया।

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