अंतर्राष्ट्रीय

प्राकृतिक खेती आज की मांग है,क्योंकि यह न केवल पर्यावरण को संरक्षित करती

प्राकृतिक संसाधनों और जैविक विधियों का उपयोग करके फसलों का उत्पादन किया जाता

बलिया।कृषि विज्ञान केन्द्र पर कृषि विभाग के सहयोग से प्राकृतिक खेती पर कृषि सखियों/ सी.आर.पी. के पांच दिवसीय प्रशिक्षण का शुभारंभ दिनांक 6 मई 2025 को हुआ।केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ संजीत कुमार ने सभी अधिकारियों,वैज्ञानिकों एवं किसानों का का स्वागत करते हुए कहा कि प्राकृतिक खेती एक ऐसी विधि है जिसमें रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग नहीं किया जाता है।इसके बजाय,प्राकृतिक संसाधनों और जैविक विधियों का उपयोग करके फसलों का उत्पादन किया जाता है।उप कृषि निदेशक मनीष सिंह ने प्राकृतिक खेती पर चर्चा करते हुए कहा कि प्राकृतिक खेती आज की मांग है,क्योंकि यह न केवल पर्यावरण को संरक्षित करती है,बल्कि स्वस्थ भोजन का उत्पादन भी करती है।बढ़ते रसायनों के उपयोग से मिट्टी, जल और वायु दूषित हो रहे हैं,जिसका मानव स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।प्राकृतिक खेती इन समस्याओं का समाधान प्रदान करती है।उन्होंने किसानों को अपने खेतों पर प्राकृतिक खेती अपनाने की सलाह दी। प्राकृतिक खेती के मास्टर ट्रेनर एवं प्रगतिशील किसानों आनंद सिंह एवंश मणि शंकर तिवारी ने प्राकृतिक खेती के विभिन्न घटकों पर विस्तृत चर्चा किया।केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ अभिषेक यादव एवं डॉ मनोज कुमार ने प्राकृतिक खेती की आवश्यकता पर जोर दिया।इस कार्यक्रम के दौरान केन्द्र कर्मचारीगण डॉ सतीश कुमार सिंह यादव,अमित तिवारी,धर्मेंद्र कुमार राकेश कुमार सिंह एवं रंजन कुमार चौबे,अशोक कुमार सहायक विकास अधिकारी (कृषि) आदि उपस्थित रहे।

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