बद् से बद्तर सामूदायिक स्वास्थ्य केंद्र मरदह की व्यवस्थाएं
प्रदेश सरकार की उड़ रही खुलेआम धज्जियां,फिर जिम्मेदारों ने साधी चुप्पी


गाजीपुर।।ग्रामीण अंचल में स्वास्थ्य सेवाएं बेपटरी हो गई हैं।सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक चलने वाले सीएचसी-पीएचसी में 10:30 बजे तक डॉक्टर और कर्मचारी नहीं पहुंच रहे हैं।यह हाल है सामूदायिक स्वास्थ्य केंद्र मरदह पर लगभग चार दर्जन गांवों-कस्बों मुहल्लों की स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी है।पर यहा उसके उलट देखने को मिल रहा है सुबह आठ बजे से चलने वाली ओपीडी में अधिकांश चिकित्सक दस बजे ही पहुंचते दिखाई देते हैं।इसके अलावा तैनात स्वास्थ्य कर्मी भी अपनी मनमानी से बाज नहीं आते हैं।मंगलवार को लाइव रिपोर्ट में सामूदायिक स्वास्थ्य केंद्र मरदह पर 10.10 बजे कुष्ठ रोग विभाग के आफिस पर ताला बंद पाया गया,वहीं दूसरी ओर बेसिक हेल्थ वर्कर कार्यालय 10.15 बजे बंद मिला, लिपिक कार्यालय 10.20 बजे बंद मिला,कोविड व मदर चाइल्ड डाटा आपरेटर जो जन्म प्रमाण का भी कार्य करता है वह 10.35 बजे तक बंद रहा,ब्लाक प्रोग्राम मैनेजर कार्यालय 10.40 बजे बंद,डेंटल चिकित्सक का आफिस 10.50 बजे तक बंद मिला,आयुष फार्मासिस्ट 11 बजे तक अनुपस्थित रहे,प्रभारी चिकित्साधिकारी छुट्टी पर रहे।वहीं हाल कमोवेश प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अविसहन,मटेंहू,पाण्डेयपुर राधे का भी है जहां से तीन दर्जन गांवों के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मिलती पर यह भी अस्पताल भगवान भरोसे चल रहा है।नोनरा गांव के संदीप प्रताप सिंह ने बताया कि मरदह में तैनात आधा दर्जन तैनात कर्मचारी हमेशा अनुपस्थित रहते हैं लेकिन उपस्थिति पंजिका पर हस्ताक्षर बन जाता है।विभाग में बहुत सारे भ्रष्टाचारी मौजूद रहे,सब उपर से नीचे तक मिले हुए हैं। मटेंहू की सविता देवी ने बताया कि सीएचसी व पीएचसी पर चिकित्सक लेट लतीफ़ आ जाते हैं लेकिन अन्य कार्यों के लिए हफ्ते तक चक्कर लगाना पड़ता है,उसके बाद भी स्वास्थ्य कर्मी जल्दी नहीं मिल पाते हैं।कोई सप्ताह में तीन दिन तो कोई कभी ही नहीं आता है।