अंतर्राष्ट्रीय

“कासीमाबाद का अगला ब्लाक प्रमुख कौन होगा”सियासत हुई तेज”

चुनावी समर में लगेंगे दिग्गजों के दांव-पेंच

कासीमाबाद गाजीपुर।ब्लाक प्रमुख के चुनाव तो अभी बहुत दूर है।सीट का आरक्षण भी अभी नहीं हुआ है,लेकिन विश्वस्त सूत्रों से यह जानकारी मिल रही है या यह अनुमान लगाया जा रहा है कि कासीमाबाद ब्लॉक प्रमुख की सीट इस बार सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित होगी और अगर सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित होती है तो निश्चित तौर पर कासिमाबाद ब्लाक प्रमुख का चुनाव धनबल और बाहुबल के साथ एक नया राजनीति का अखाड़ा भी बनेगा,सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विधानसभा के चुनाव की तैयारी कर रहे रामप्रताप सिंह पिंटू के छोटे भाई शिव प्रताप सिंह उर्फ छोटू सिंह भी इस बार ब्लॉक प्रमुख के चुनावी जंग में उतरने वाले हैं,वहीं महुआरी निवासी पूर्व प्रधान अजय सिंह के पुत्र लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र नेता रहे अनुराग सिंह जेलर की भी चर्चा तेज हो गई है, इन दोनों के बारे में कहा ही नहीं जाता है बल्कि देखा भी गया है कि यह दोनों बड़े नेताओं के करीबी भी माने जाते हैं,अनुराग सिंह जेलर को पूर्व सांसद और बाहुबली कहे जाने वाले धनंजय सिंह का करीबी माना जाता है,तो वहीं शिव प्रताप सिंह उर्फ छोटू सिंह को गोसाईगंज के वर्तमान बाहुबली विधायक अभय सिंह का करीबी माना जाता है।और इन दोनों के मांगलिक कार्यक्रमों में धनंजय सिंह और अभय सिंह का आना जाना लगा रहता है,वहीं कासिमाबाद ब्लाक के अंतर्गत जेल में बंद डाही निवासी सोनू सिंह के भी किसी करीबी के चुनाव लड़ने की चर्चा तेजी के साथ हवा में तैर रही है, इन तीनों से अलग व्यवसायी शिवशंकर यादव भी चुनावी समर में उतरने को तैयार हैं,जो कि पिछली बार क्षेत्र पंचायत का चुनाव हार गए थे और उनके ब्लॉक प्रमुख के चुनाव लड़ने की उम्मीदों को करारा झटका लगा था।अब आम जनता में यह चर्चा चल रही है कि शिवप्रताप सिंह उर्फ छोटू सिंह,अनुराग सिंह जेलर और सोनू सिंह के किसी करीबी के चुनाव लड़ने से यह चुनाव केवल धनबल और बाहुबल ही नहीं बल्कि प्रशासन के लिए भी चुनौती पूर्ण हो सकता है छोटू सिंह के लिए फायदे का सौदा यह है कि वह वर्तमान एमएलसी विशाल सिंह चंचल के भी काफी करीब माने जाते हैं, वहीं अनुराग सिंह लखनऊ के नेताओं का सिर पर हाथ होने की चर्चा है,तो सोनू सिंह को अपने युवा साथियों के दम पर भरोसा है,कासीमाबाद ब्लाक प्रमुख के चुनाव का इतिहास का पन्ना अगर पलटा जाए तो 1995 में जब यह सीट पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हुई थी तो उस समय ओमप्रकाश अकेला ने अपने निकटतम प्रतिबंध रामसनेही यादव को हराकर ब्लॉक की प्रथम कुर्सी पर कब्जा किया था,वही 2000 में विजय यादव कासिमाबाद के प्रमुख बने तो 2005 में बीना सिंह ने जीत दर्ज की तो 2010 का चुनाव काफी रोमांचक चुनाव था जिसमें कौमी एकता दल के उम्मीदवार रामायण सिंह ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बिजाधर यादव को हराकर कासिमाबाद के प्रमुख की सीट पर कब्जा किया था,तो 2015 में शादाब फातिमा के आशीर्वाद से प्रमुख बने श्याम नारायण राम को अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ा और अफजाल अंसारी के करीबी कांता राम के सुपुत्र अनिल कुमार को ब्लॉक प्रमुख बनने का गौरव हासिल हुआ तो 2021 के चुनाव में भाजपा उम्मीदवार मनोज गुप्ता ने सपा उम्मीदवार और विधानसभा अध्यक्ष जयहिंद यादव को आठ मतों से पराजित करके कासिमाबाद के प्रमुख के कुर्सी पर कब्जा किया,अब चुकी सीट सामान्य अगर होती है तो निश्चित तौर से दावेदारों के साथ-साथ क्षेत्र पंचायत सदस्यों के लिए भी चुनौती होगी कि वह किसके खेमे में जाएंगे।

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