अंबेडकर प्रतिमा का मामला उच्च न्यायालय में पहुंचते ही प्रशासन के लिए गले का पास बन गया
प्रशासन भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच कर प्रतिमा हटाने का दबाव बनाया लेकिन ग्रामीण मानें नहीं

बिरनो गाजीपुर।विकासखंड के हरिहरपुर गांव में डॉ भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा का मामला उच्च न्यायालय में पहुंचते ही प्रशासन के लिए गले का पास बन गया है।शुक्रवार को तहसील प्रशासन भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच कर प्रतिमा हटाने का दबाव बनाया लेकिन ग्रामीण मानें नहीं।प्रशासन ग्रामीणों को देर शाम तक निर्णय लेने का आश्वासन दिया है।प्रशासन के दबाव को देखते हुए ग्रामीणों में भारी आक्रोश है।बिरनों विकासखंड के हरिहरपुर ग्राम पंचायत में डॉ भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा चार वर्ष पूर्व आराजी नंबर 544 नवीन परती जिसका रकबा 31 एयर है में स्थापित की गई है। प्रतिमा स्थापना के समय से अब तक कोई विवाद नहीं रहा है।इधर हरिहरपुर ग्राम पंचायत के अनंत कुमार उर्फ बबलू ने उच्च न्यायालय में याचिका लगाकर जिलाधिकारी,उप जिलाधिकारी,तहसीलदार,ग्राम प्रधान सहित कुल आठ लोगों को पक्षकार बनाकर अवगत कराया है कि जहां डॉ भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित है।वह हमारी कब्जे की भूमि है।जिसमें बिना प्रशासन की स्वीकृति लिए प्रतिमा स्थापित कर दी गई ।इस प्रकरण को उच्च न्यायालय ने गंभीरता से लेते हुए सभी पक्षकारों से दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है । इसी के बाद प्रशासन हरकत में आया है और ग्रामीणों को समझा बूझकर नवीन परती वाली भूमि से प्रतिमा को हटाने का निर्णय लिया । तहसील प्रशासन के इस निर्णय को ग्रामीणों ने ठुकरा दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि चार वर्ष पूर्व प्रतिमा स्थापित की गई थी । तब से लेकर अभी तक कोई विवाद नहीं रहा है ।जानबूझकर इस मामले को तूल पकड़ाया जा रहा है । इशारा जी में वादी मुकदमा का कोई कब्जा दखल नहीं है । दूसरी तरफ उप जिलाधिकारी संजय यादव, तहसीलदार जया सिंह, क्षेत्राधिकारी अनिल चंद तिवारी सहित भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को समझाया।प्रशासन आश्वासन दिया कि उच्च न्यायालय में जवाब दाखिल करने से पहले प्रतिमा हटा ली जाए । उसके बाद ग्राम प्रधान उक्त आरजी का प्रस्ताव बौद्ध विहार के लिए तहसील प्रशासन को उपलब्ध काराए।स्वीकृति मिलने के बाद उसमें प्रतिमा पुनःस्थापित कर दी जाएगी।इस मामले को लेकर ग्रामीण तैयार नहीं हुए।प्रशासन शुक्रवार की देर शाम तक ग्रामीणों को निर्णय लेने का सुझाव दिया है।अब देखना है कि ग्रामीण प्रशासन की बात मानते हैं या नहीं।इस संबंध में उप जिलाधिकारी संजय यादव ने बताया कि ग्रामीणों को देर शाम तक निर्णय लेने का सुझाव दिया गया है। आशा है ग्रामीण प्रशासन की बात मान जाएंगे।गांव में किसी प्रकार का तनाव नहीं है।