अंतर्राष्ट्रीय

बीईओ व बीडीओ साहब आपकी नजर किधर प्राथमिक विद्यालय गम्भीरिया बिजौरा की दशा खराब है

मिशन कायाकल्प योजना हैदरगंज न्याय पंचायत में फिसड्डी साबित हो रही

गाजीपुर।बेसिक शिक्षा स्कूलों की दशा और दिशा बदलने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे,लेकिन जिसके जिम्मेदार ही इसे पलिता लगाने पर तुले हैं।चाहे ग्राम विकास व पंचायती राज या फिर शिक्षा विभाग ही क्यों ना हो कही ना कही सिर्फ कागजों पर विकास गाथा लिखने का कार्य किया जा रहा है।शिक्षा क्षेत्र मरदह के‌ न्याय पंचायत हैदरगंज के परिषदीय विद्यालयों में वर्षों बाद भी मूलभूत सुविधाएं नदारद‌।मिशन कायाकल्प योजना साबित हो रहा अधिकांशतःजगहों पर फिसड्डी।इसकी हकीकत जानने के लिए प्राथमिक विद्यालय हैदरगंज,गम्भिरिया,बिजौरा प्रथम,द्वितीय,हमीरपुर, भीखमपुर,मटेंहू,उच्च प्राथमिक विद्यालय हैदरगंज,मटेंहू,‌ बिजौरा का पड़ताल किया गया तो दर्जनों समस्याएं सामने नजर आई,चाहें वह छात्र-छात्राओं या फिर अध्यापक-अध्यापिकाओं से जुड़ी हो‌ इसके प्रति सभी जिम्मेदारों ने लगातार चुप्पी साध रखी है।सबसे पहले हम प्राथमिक विद्यालय गम्भीरिया के बारे में बताते चलें कि
बच्चे आजादी के‌‌ दशकों बाद टाटपट्टी लगे फर्स पर बैठने को मजबूर‌ है।कमरों की कमी के कारण बच्चों को बरामदे में‌ प्रतिदिन बैठना पड़ रहा है।साथ ही साथ विद्यालय के शिक्षकों को धूप या बरसात हो सर ढ़कने की जगह नसीब नहीं है।यहां कक्षा 1,2,3 को एक कमरे में संचालित तो कक्षा 4 व 5 दूसरे कक्ष में चलाया जा रहा,वही कुछ बच्चे बरामदे में बैठ कर पठन-पाठन करते हैं।चार साल से समरसेबल खराब पड़ा है,नल की टोंटी तक आज तक नहीं पहुंचा पानी।डेस्क ब्रेंच के अभाव में बच्चे दशकों से फर्स पर बैठ रहें हैं,चारदीवारी छोटी होने के कारण परिसर में हमेशा अराजकतत्वों का जमावड़ा लगा रहता है।कमरों की कमी के कारण पठन-पाठन व्यवस्था को सुदृढ़ करने में कठिनाईओं का सामना करना पड़ रहा है।परिसर में इण्टर लाकिंग कार्य नही होने से पूरा प्रांगण अस्त व्यस्त नजर आ रहा था।इस विद्यालय में कक्षा 1 से 5 तक पंजीकृत लगभग 57 छात्र-छात्राओं के सापेक्ष पठन-पाठन के 6 अध्यापक तैनात हैं।इस प्रकार यह प्रतित होता नजर आ रहा है कि भगवान भरोसे दौड़ रही शिक्षा व्यवस्था की गाड़ी।विद्यालयों सजाने संवारने के लिए विभाग की तरफ से हजारों रुपए प्रति वर्ष हजारो रुपए कम्पोजिट ग्रांट निर्धारण के साथ ही अन्य विभागों द्वारा किए जाने वाले कार्य भी बंदरबांट की भेंट चढ़ जा रहे हैं।ऐसे में किस आधार पर परिषदीय विद्यालयों की दशा और दिशा सुधरेंगी।शेष भाग अगले समाचार में प्रकाशित किया जाएगा।

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