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मई माह में आम के बाग में विभिन्न प्रकार से की जाने वाली क्रियाकलापो को जानें

मई माह में आम के बाग में विभिन्न प्रकार से की जाने वाली क्रियाकलापो को समझें

बलिया।मई माह में आम के बाग की क्रियाकलाप,कृषि विज्ञान केंद्र सोहाव के उद्यान वैज्ञानिक डॉ अवधेश कुमार के द्वारा किसानों को मई माह में आम के बाग में विभिन्न प्रकार से की जाने वाली क्रियाकलापो को बताते हुए कहा कि आम के नए बाग की स्थापना हेतु मानसून आने के पूर्व ही मई महीने में ही उचित दूरी पर प्रजाति के अनुसार बाग लगाने के लिए निशान लगाकर गड्ढे की खुदाई का कार्य पूर्ण कर ले। तथा बीजू पौधों की नर्सरी में आवश्यकतानुसार नमी बनाए रखने के लिए हल्की सिंचाई करने के साथ साथ खरपतवार भी निकाल देना चाहिए जिससे पौधों की वृद्धि पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।आम के बाग में मई माह के दौरान ही कुछ प्रजातियों में देखा गया कि फल वृद्धि तेजी से होती है, लेकिन इस समय तेज आंधी,वर्षा तथा तापमान में अधिक उतार-चढ़ाव की वजह से फलों के गिरने की संभावना बढ़ जाती है। तथा अगेती प्रजातियों में मई माह के दूसरे पखवाड़े से ही फल पकना भी शुरू कर देते हैं इसलिए पेड़ के नीचे साफ सफाई रखना चाहिए और यदि फल पकने लगे तो उन्हें तोड़कर बाजार भेजने की उचित व्यवस्था भी कर लेनी चाहिएl आम के फलों की तुड़ाई बौनी प्रजाति में सीकेटियर से तथा ओजस्वी प्रजाति में मैंगो हार्वेस्टर से प्रातः काल में 2 से 3 सेंटीमीटर लम्बी टहनी के साथ करना अच्छा होता है और यह ध्यान रहे कि फल जमीन पर ना गिरने पाए एवं पके हुए फलों को चिड़िया से बचाना भी चाहिएl इसीलिए कहा जाता है कि मई से लेकर आम की तुड़ाई तक का समय फलों के विकास,गुणवत्ता और परिपक्वता के लिए अत्यंत ही महत्वपूर्ण होता है।इस अवधि में यदि वैज्ञानिक ढंग से बाग की देखभाल की जाए तो फल गिरने, कीट-रोग संक्रमण तथा भंडारण के दौरान होने वाले नुकसान को रोका जा सकता है। बाग में पेड़ो से फलों को गिरने से रोकने के लिए हल्की सिंचाई करके नमी को बनाए रखना चाहिए।फलों को एक समान रूप से पकाने के लिए फल को परिपक्वता अवस्था पर तोड़कर 0.5% कारबेन्डाजिम तथा 700 पी.पी.एम. ईथरल का गर्म पानी में घोल बनाकर 5 मिनट तक फल को डूबाने के बाद बाहर रखकर पेपर से ढक देना चाहिए इससे फल एक समान पकते हैं तथा फलों में बीमारी लगने की संभावना बहुत कम हो जाती है।फल की तुड़ाई पश्चात फल से निकलने वाला रस फलों को खराब कर सकता है, इसके लिए फलों को तुड़ाई के बाद उल्टा रखें ताकि रस त्वचा को न छू सके।कार्बाइड से आम के फलो को पकाना सख्त वर्जित है, यह स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक है। उपभोक्ता जागरूकता के अनुसार फल को खाने से पूर्व अच्छी तरह से धोएं उसके पश्चात ही सेवन करें।स्वाभाविक रूप से पेड़ पर पके फलों का सेवन अधिक लाभकारी होता है।आम के फलों की आंतरिक सड़न को रोकने के लिए बोरक्स 4 किलोग्राम प्रति 100 लीटर पानी में घोलकर फलों पर छिड़काव करना चाहिए।फलो को फल मक्खी के प्रकोप से बचाने के लिए मिथाइल यूजीनॉल फेरोमोन ट्रैप @ 15–20 ट्रैप/हेक्टेयर की दर से लगाना चाहिए।

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