अंतर्राष्ट्रीय

मंदिर के नाम को बदनाम करने पर तुले हैं स्वास्थ्य कर्मचारी

ग्रामीण क्षेत्रों में बिगड़ रही स्वास्थ्य सेवाएं अब लगातार हाशिये पर खड़ी है

गाजीपुर।अधिकांशत सीएचओ काफी रसूखदार घरानों से जुड़े होने के साथ ही राजनीतिक व विभागीय पहुंच वाले हैं।जिससे इनको किसी भय या किसी कारवाई का कोई डर नहीं सताता है।ग्रामीण क्षेत्रों में बिगड़ रही स्वास्थ्य सेवाएं अब लगातार हाशिये पर खड़ी है।जिससे साफ जाहिर होता है कि इस विभाग के उच्च अधिकारी इस तरफ ना तो ध्यान दे पाते हैं और ना ही उनके मातहत काम करने वाले कर्मचारी इन सेवाओं के प्रति गंभीर हैं।स्वास्थ्य केंद्रों के अधीन आयुष्मान आरोग्य मंदिर का निर्माण भी कराया गया।इस आयुष्मान आरोग्य मंदिर में स्वास्थ्य कर्मचारियों की तैनाती की गई।जिससे गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण उनकी देखभाल कुपोषित बच्चों का इलाज टीवी के मरीजों तक पहुंच उनकी जानकारी एवं उनका इलाज और ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब जनता का इलाज समुचित और उचित तरीके से किया जा सके।आयुष्मान आरोग्य मंदिर लिखी हुई है इमारतें सिर्फ शोपीस बनकर रही।जिसका जीता जागता उदाहरण बुधवार को मिला जहां ब्लॉक के अंतर्गत गांई पर दोपहर 12.00 बजे ताला लटकता मिला वही हैदरगंज में 12.23 बजे भी ताला लटकता और ग्रामीण टहलते मिले।यहां तैनात स्वास्थ्य कर्मचारी कब आते और कब जाते कोई नहीं जान पाएगा।क्षेत्र की गरीब जनता को समय से दवाइयां नहीं मिल पाती।यहां के लोग अपने इलाज के लिए कई किलोमीटर दूर से आते हैं।ऐसी स्थिति में ग्राम पंचायत में संचालित होने वाले आयुष्मान आरोग्य मंदिर के नाम से चलने वाले यह उप स्वास्थ्य केंद्रों पर विभाग की नजर होनी चाहिए और यह समय से खुले व लोगों को दवाइयां मिलती रहे। इसके खुलने का समय सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक निर्धारित है पर इसके बाद भी कर्मचारी योजनाओं पलिता लगाने पर तुले हुए हैं।सूत्रों से मिली खबर के अनुसार मरदह विकासखंड में कुल 22 सीएचओ/सामूदायिक स्वास्थ्य अधिकारी तैनात हैं।जहां सभी हालात व कारनामे लगभग एक ही तरह के है।अधिकांशत सीएचओ काफी रसूखदार घरानों से जुड़े होने के साथ ही राजनीतिक व विभागीय पहुंच वाले हैं।जिससे इनको किसी भय या किसी कारवाई का कोई डर नहीं सताता है।

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