अंतर्राष्ट्रीय

नेताजी अरूण सिंह के दामाद के नाम पर फर्जीवाड़े मामला उजागर मचा हड़कंप

सचिव के तबादले के बाद भी उसके डिजिटल हस्ताक्षर का ग़लत उपयोग महकमा परेशान

गाजीपुर।जन्म प्रमाण पत्र फर्जीवाड़े मामले को लेकर 24 घंटे बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने ऊहापोह की स्थिति मची हुई है।मरदह‌ ब्लाक के डाड़ीकला गांव की अदिति यादव पुत्री शशिकला यादव पत्नी प्रशांत कुमार यादव के नाम से दिनांक 15 अप्रैल 2025 को जन्मप्रमाण फर्जी जारी करते हुए लाभार्थी को पकड़ा दिया।मामला तब सामने आया जब लाभार्थी ने पुनःजन्म प्रमाण में संशोधन हेतु सचिव को फोन लगाया तो वर्तमान सचिव के बजाय पूर्व सचिव फोन चला गया इसका पोल खुला तो पूर्व सचिव के पैर तले जमीन खिसक गई।उसने तुरंत विभागीय अधिकारियों को अवगत कराया।परन्तु दो दिन बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला।जिससे विकासखंड क्षेत्र में ऊहापोह की स्थिति मची हुई है।बीते 21 फरवरी 2024 तक डांड़ीकला ग्राम पंचायत में बतौर ग्राम पंचायत अधिकारी तैनात रहे नवीन कुमार सिंह के स्थानांतरण 1 वर्ष बाद भी 15 अप्रैल 2025 को इनके हस्ताक्षर से जन्मप्रमाण जारी कर दिया गया।जबकि वहां पर सचिव के रूप में मनोज यादव तैनात हैं।इस मामले की खबर जब मिडिया में फैली तो
जिला मुख्यालय से लेकर ब्लाक मुख्यालय तक के अधिकारियों व कर्मचारियों के हाथ पैर फूलने लगे।सूत्रों से मिली खबर के अनुसार निरंतर एक वर्ष तक के अंदर 15 मृत्यु प्रमाण पत्र तो 10 जन्म प्रमाण पत्र के मामले अभी तक सामने आएं हैं जो लाभार्थियों को निर्गत किए गए जो फर्जी प्रमाण पत्रों के श्रेणी में आते हैं।इस संबंध में प्रभारी एडीओ पंचायत प्रभाकर पाण्डेय ने बताया कि मामले को संज्ञान में लेते हुए डाड़ीकला के सचिव मनोज यादव से स्पष्टीकरण मांगते हुए तीन का समय देते हुए उच्चधिकारियों को अवगत कराया गया है।उक्त सचिव द्वारा गलत तरीके से दूसरे समकक्ष कर्मचारी का आईडी,पासवर्ड व डिजिटल हस्ताक्षर का उपयोग करना अनुशासनहीनता की मामला है।संतोषजनक जवाब नहीं देने की स्थिति में विभागीय कार्रवाई हेतु संस्तुति की जाएगी।मरदह‌ ब्लाक अपने कारनामों से हमेशा चर्चा में छाएं रहने वाला विकासखण्ड मुख्यालय पर कारवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है,यहां हमेशा ही जनप्रतिनिधियों द्वारा भ्रष्टाचार को लेकर लामबंदी देखी जाती है लेकिन मामला कोरे कागज की तरह ही दब जाता है‌।बीते 18 अक्टूबर 2024 को जन्म प्रमाण जारी करने के नाम पर एडीओ पंचायत को 5000 नगद रूपए लेते हुए विजिलेंस टीम ने रंगो हाथों ब्लाक मुख्यालय के गेट से गिरफ्तार किया था,अभी वह मामला ठंडा ही नहीं हुआ कि नया मामला फर्जीवाड़े के रूप में सामने आ गया।जिससे जिम्मेदारों के हाथ पैर फूलने लगे हैं।सही रूप में गंभीरता से इस मामले की जांच हो तो कईयों गर्दन इसके जद् में आएंगी।वहीं दूसरी ओर मामला जिले से लेकर गांव तक आग की तरह फैल रहा क्योंकि पूर्व ग्राम पंचायत अधिकारी नवीन कुमार सिंह – जिला सहकारी बैंक के पूर्व चेयरमैन रहे वर्तमान में सर्वदलीय संघर्ष समिति के संयोजक जिले के हजारों लोगों के नेता अरूण कुमार सिंह के दामाद है जिसको लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।

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