अंतर्राष्ट्रीय

साफ-सफाई का रखें ध्यान,न होने दें जल जमाव,मलेरिया से होगा बचाव

मच्छरों के पनपने वाली जगहों की करें निगरानी एवं निराकरण:डा०सुनील पाण्डेय सीएमओ

गाजीपुर।विश्व मलेरिया दिवस मनाया गया। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय समेत ब्लॉक स्तरीय स्वास्थ्य केंद्रो पर विविध जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस क्रम में सीएमओ कार्यालय सभागार में एसीएमओ डॉ संजय कुमार की अध्यक्षता में शपथ का आयोजन किया गया। एक अन्य कार्यक्रम में डालिम्स सनबीम स्कूल,अन्धऊ में जिला मलेरिया अधिकारी मनोज कुमार के नेतृत्व में छात्रों को मलेरिया के लक्षण,जांच,उपचार और बचाव के उपायों के बारे में जागरूक किया गया।सीएमओ ने कहा कि मलेरिया वाहक एनोफिलीज़ मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर ज़्यादातर अनुपयोगी कुओं, तालाब/पोखरा, सीमेंट के टैंक, नाले, जल जमाव एवं पानी जमा होने वाले निचले क्षेत्र जगहों पर पनपता है। मच्छरों के पनपने वाली जगहों की निगरानी करें और उनका नियमित निराकरण करें। सीएमओ ने कहा कि मच्छरों का प्रकोप पहले सिर्फ बारिश के दौरान और बारिश के बाद दिखता था जबकि अब दो से तीन महीने छोड़कर पूरे साल ही दिखते हैं। इसलिए आवश्यकता पड़ने पर मलेरिया रोकने के लिए अब शहरी क्षेत्र में लार्वारोधी छिड़काव का कार्य पूरे साल चलेगा। साथ ही हमारी स्वास्थ्य टीमें सर्वाधिक मच्छर वाले इलाकों को चिन्हित कर रही हैं। उन्होंने बताया कि हर साल 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करना है। उन्होंने बताया कि इस बार विश्व मलेरिया दिवस की थीम “मलेरिया हमारे साथ समाप्त होता है:पुनर्निवेश,पुनर्कल्पना पुनर्जीवन” है। जिला मलेरिया अधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि वर्तमान में संचालित संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान के अंतर्गत शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मच्छरों के प्रजनन स्रोतों को नष्ट कराया जा रहा है। एंटी लार्वा का छिड़काव तथा फागिंग भी कराया जा रहा है। इस कार्य में नगर विकास विभाग एवं पंचायती राज विभाग सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मलेरिया की जांच व उपचार की सुविधा जिला मुख्यालय के अलावा सभी सीएचसी/पीएचसी एवं आयुष्मान आरोग्य मंदिरों पर उपलब्ध है। शासन के निर्देशानुसार आशा कार्यकर्ता ग्रामीण क्षेत्र में जाकर रोगी की पहचान कर रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट (आरडीटी) किट से त्वरित जांच कर रही हैं। इसके लिए समस्त आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित भी किया गया है। जांच में मलेरिया धनात्मक पाए जाने पर जल्द से जल्द रोगी का पूर्ण उपचार किया जाएगा।
हफ्ते भर में अंडा बन जाता है मच्छर – जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि मलेरिया का प्रसार मादा एनोफिलीस मच्छर के काटने से होता है। एक अंडे से मच्छर बनने की प्रक्रिया में पूरा एक सप्ताह का समय लगता है। इस कारण सप्ताह में एक बार एंटीलार्वा का छिड़काव किया जाता है। यदि किसी जलपात्र में पानी है तो उसे सप्ताह में एक बार जरूर खाली कर दें। जैसे कूलर, गमला, टीन का डिब्बा, नारियल का खोल, डिब्बा, फ़्रिज के पीछे का डीफ्रास्ट ट्रे की सफाई हमेशा करते रहना आवश्यक है। मलेरिया से संक्रमित व्यक्ति का समय से इलाज शुरू होने पर जान जाने का खतरा कम हो जाता है।लक्षण – बुखार, कपकपी, ठंड लगना, सिरदर्द, शरीर दर्द, मिचली और उल्टी।क्या करें – मलेरिया से बचाव के लिए रात में सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए। आसपास दूषित पानी इकट्ठा नहीं होने देना चाहिए।साफ-सफाई रखनी चाहिए। बुखार होने पर तत्काल आशा से संपर्क करें या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर परामर्श लें।सही समय पर निदान उपचार होने से रोगी पूर्णतःस्वस्थ हो जाता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button