अंतर्राष्ट्रीय

हाईस्कूल में जिले में दशवां स्थान प्राप्त कर श्रेयांशी वर्नवाल ने बढ़ाया मान

कक्षा 10 वीं की छात्रा श्रेयांशी वर्नवाल ने 563/600 में 93.83% प्रतिशत अंक के साथ ब्लाक की पहली छात्रा

गाजीपुर।मरदह ब्लाक के मटेंहू गांव की बेटी बढ़ाया विकासखंड वासियों का मान-सम्मान।तो दिया गया मेरे तरफ से उसको भी सम्मान।जिसको पुरस्कृत करके हौसला अफजाई किया गया।मटेंहू गांव की बिटिया ने बचाया ब्लाक का मान-सम्मान।बनेंगी एमबीबीएस डाक्टर और लोगों की करेंगी निःस्वार्थ सेवा।गांव स्थित बाबा भगेलू दास एस. एस.स्कूल की होनहार छात्रा ने अपने जौहर का परचम लहराते हुए माता-पिता,विद्यालय सहित पूरे क्षेत्र का नाम रौशन करते हुए जनपद के टापटेन वरियता सूची में दसवां स्थान प्राप्त किया।कक्षा 10 वीं की छात्रा श्रेयांशी वर्नवाल ने 563/600 में 93.83% प्रतिशत अंक के साथ जनपद में दशवां स्थान प्राप्त किया।विकासखंड खंड की एकलौती छात्रा बनी जो अपने हुनर का परचम लहराने में कामयाब हुई।इस सफलता पर सैकड़ों क्षेत्र वासियों ने छात्रा सहित परिजनों व विद्यालय परिवार को बधाई और शुभकामनाएं दी।श्रेयांशी वर्नवाल ने बताया कि बिरनो ब्लाक क्षेत्र के मधुबन बाल गोपाल इण्टर कॉलेज ओझीपुर में परीक्षा केंद्र बना था जो पैतृक घर से 28 किलोमीटर दूर जाकर परीक्षा देना भी का चुनौतीपूर्ण था।स्कूल में पढ़ाई के बाद,मटेंहू चट्टी पर दो घंटे कोचिंग,घर‌ पर चार घंटे परीक्षा तैयारी के बाद यह मुकाम हासिल प्राप्त हुआ जो माता-पिता की प्रेरणा और अध्यापकों का श्रेय है।श्रेयांशी वर्नवाल के बड़े भाई ट्यूनिक वर्नवाल,मानष वर्नवाल,पिता अरविन्द वर्नवाल,माता साधना वर्नवाल, ने काफी प्रसन्नता व्यक्त किया।वहीं दूसरी सम्मान समारोह के दौरान हिन्दुस्तान स्काउट-गाइड के जिला आयुक्त नितेश यादव,संरक्षक व पत्रकार राहुल सिहं,ग्राम प्रधान व ब्लाक अध्यक्ष प्रधान संघ मरदह राधेश्याम सिंह यादव के नेतृत्व में श्रेयांशी वर्नवाल का माल्यार्पण कर बधाई और शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए अंगवस्त्रम व सुनहरा गिफ्ट भेंट के साथ पुरस्कृत कर सम्मानित कर उज्जवल भविष्य की ईश्वर से मंगलमय कामना किया गया।इस अवसर पर राधेश्याम सिंह यादव ने कहा कि बेटी श्रेयांशी के सफलता से समूचा इलाज गौरवान्वित महसूस कर रहा है,ऐसी प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देने की जरूरत है जो आगे चलकर देश के विकास में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करें। नितेश यादव ने कहा कि सच्चे मन निर्धारित लक्ष्य के साथ मुकाम हासिल करना अपने आप में गौरव की अनुभूति है।श्रेयांशी के हौसले को सलाम करता हूं।

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