भाजपा नेताओं के गोद लेने के बाद भी दम तोड़ रहा सीएम जन आरोग्य मेला
मरदह विकासखंड के 63 गांवों के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही भगवान भरोसे


मरदह गाजीपुर।स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाएं जा रहे विशेष अभियान मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेले के तहत गांव के लोगों को जागरूक करके स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने का दावा किया जा रहा है परन्तु उसके उलट आज देखने को मिला की इसके प्रति जो जिम्मेदार वह खुद बीमार है तो दूसरे का इलाज क्या करेंगे।सिर्फ कागजों पर दौड़ रहा सीएम जन आरोग्य मेला धरातल पर दूर-दूर तक कोई सरोकार नहीं है।सुबह दस बजे से शाम चार बजे तक चलने वाला इस मेले से दो बजे के बाद ही सभी स्वास्थ्य कर्मी व चिकित्सक रफ़ूचक्कर हो जा रहे हैं।विकासखंड प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का रविवार को आयोजित मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेले के दरम्यान पड़ताल किया गया तो पाया गया कि 2.38 बजे पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मटेंहू पर ताला लटकता हुआ मिला।वहीं परिसर में मौजूद ग्रामीण नितेश यादव ने बताया कि दवा लेने आया था लेकिन ताला बंद रहने के कारण वापस कर जा रहा हूं।तैनात सभी कर्मचारी मौके पर नदारद है।सामूदायिक स्वास्थ्य केंद्र मरदह 3 बजे खुला मिला और कर्मचारी,चिकित्सक भी मौजूद रहे।प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पाण्डेयपुर राधे का 3.12 बजे मुख्य गेट बंद मिला,बगल में मौजूद रामकिशुन राजभर ने बताया कि मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेला कभी भी 4 बजे आयोजित नहीं किया जाता है।कोई भी कर्मी मौके पर नहीं है।प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र अविसहन पर 3.26 मिनट पर ताला बंद मिला वहीं मौके पर मौजूद जैनेन्द्र सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेले का स्वास्थ्य कर्मियों के नजर में कोई मतलब ही नहीं है।कब आते कब जाते भगवान ही इनका मालिक है।प्रदेश सरकार की उड़ा रहे खुलेआम धज्जियां।यहां कोई भी कर्मचारी मौके मौजूद नहीं है।लेकिन विभागीय आंकड़ों की मानें तो सीएचसी मरदह पर डॉ इमरान मलिक 27 मरीजों को तो, पीएचसी मटेंहू पर डॉ राजीव गोड़ ने 22 मरीजों का,
पीएचसी पाण्डेयपुर राधे डॉ.आसिफ लारी ने 17,व पीएचसी अविसहन पर डॉ.इमरान उस्मानी ने 17 मरीजों का इलाज परामर्श करने का दावा किया।लेकिन मौके की पड़ताल ने सभी दावों को खोखला साबित करने का कार्य किया।वहीं दूसरी ओर प्रदेश सरकार ने अपने एक -एक पार्टी के वफादार कार्यकताओं को सीएचसी व पीएचसी को गोद लेकर सजाने संवारने का भी जिम्मा सौंपी है पर उसके बाद भी कोई सूध लेने वाला नहीं है।