गुरु की भूमिका भारत में केवल आध्यात्म या धार्मिकता तक ही सीमित नहीं रही:महेश दास जी
गुरु अज्ञान रूपी अंधकार से ज्ञान रूपी प्रकाश की ओर ले जाते हैं

कासीमाबाद गाजीपुर।क्षेत्र के बेलसड़ी गांव स्थित सिद्धपीठ सीतादास आश्रम पर रविवार को भजन कीर्तन प्रवचन सहित सत्संग का आयोजन किया गया जिसमें महंत बाल योगी महेश दास जी ने गुरु महिमा का बखान करते हुए उन्होंने कहाकि प्रत्येक व्यक्ति को गुरु अज्ञान रूपी अंधकार से ज्ञान रूपी प्रकाश की ओर ले जाते हैं।गुरु की कृपा के बिना भगवान् की प्राप्ति असंभव है।जिनके दर्शन मात्र से मन प्रसन्न होता है,अपने आप धैर्य और शांति आ जाती हैं,वे परम गुरु हैं।गुरु की भूमिका भारत में केवल आध्यात्म या धार्मिकता तक ही सीमित नहीं रही है,देश पर राजनीतिक विपदा आने पर गुरु ने देश को उचित सलाह देकर विपदा से उबारा भी है।अर्थात अनादिकाल से गुरु ने शिष्य का हर क्षेत्र में व्यापक एवं समग्रता से मार्गदर्शन किया है।अतः सद्गुरु की ऐसी महिमा के कारण उसका व्यक्तित्व माता-पिता से भी ऊपर है।इस हर मनुष्य को अपने जीवन में एक गुरु को रखना चाहिए जिससे जीवन का मार्ग प्रशस्त हो।