अंतर्राष्ट्रीय

बीडीओ साहब मरदह आपकी नजर किधर है,कायाकल्प योजना विफल है

करोड़ो रुपए खर्च होने के बाद भी परिषदीय विद्यालयों में समस्याओं का अंबार

 

मरदह गाजीपुर।शिक्षा क्षेत्र के‌ परिषदीय विद्यालयों में वर्षों बाद भी मूलभूत सुविधाएं नदारद‌।मिशन कायाकल्प साबित हो रहा अधिकांशतःजगहों पर फिसड्डी।जब इसकी हकीकत जानने के लिए वृहस्पतिवार पड़ताल किया गया तो प्राथमिक विद्यालय गम्भीरिया में बच्चे टाटपट्टी लगे फर्स पर बैठने को मजबूर‌ थे।कमरों की कमी के कारण बच्चों को बरामदे में‌ प्रतिदिन बैठना पड़ रहा है।यहां कक्षा 1,2,3 को एक कमरे में संचालित तो कक्षा 4 व 5 दूसरे कक्ष में चलाया जा रहा,वही कुछ बच्चे बरामदे में बैठ कर पठन-पाठन करते नजर आए।दिव्यांग शौचालय का निर्माण अधूरा दिखा,मल्टीपल हैंडवाश नल टोंटी क्षतिग्रस्त मिली, डेस्क ब्रेंच के अभाव में बच्चे दशकों से फर्स पर बैठ रहें हैं,चारदीवारी छोटी होने के कारण परिसर में हमेशा अराजकतत्वों का जमावड़ा लगा रहता है।कमरों की कमी के कारण पठन-पाठन व्यवस्था को सुदृढ़ करने में कठिनाईओं का सामना करना पड़ रहा है।परिसर में इण्टर लाकिंग कार्य नही होने से पूरा प्रांगण अस्त व्यस्त नजर आ रहा था।इस विद्यालय में कक्षा 1 से 5 तक पंजीकृत लगभग 57 छात्र-छात्राओं के सापेक्ष पठन-पाठन के 6 अध्यापक तैनात हैं।वही दूसरी ओर प्राथमिक विद्यालय भीखमपुर में कक्षा एक से पांच तक के बच्चों के लिए मात्र दो कमरे मौजूद मिले, परिसर में भारी मात्रा में घास फूंस उगें थे।मल्टीपल हैंडवाश नल टोंटी टूटी मिली।प्रांगण में मिट्टी भराई, खड्जा,इण्टर लाकिंग निर्माण कराना बाकी है।प्राथमिक विद्यालय पड़िता में कक्षा एक से पांच तक के 77 बच्चे डेस्क ब्रेंच के अभाव में टाटपट्टी पर बैठ कर पढ़ाई करते नजर आए।आजतक परिसर में मिट्टी खड़ंजा या इण्टरलाकिंग का निर्माण नहीं हुआ। प्रांगण में लगे हैंडपंप के पास बने सोख्ता के मेन होल पर ढक्कन नहीं लगा जिससे बच्चों को खतरा महसूस हो रहा है।कम्पोजिट विद्यालय बेलसड़ी में चारदीवारी टूटी हुई मिली,कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को डेक्स ब्रेन्च नसीब नहीं,वही हैण्ड पम्प रिबोर के अभाव में शुद्ध पेयजल की दरकार दिखी,परिसर में मिट्टी, खड्डजा व इण्टर लाकिंग कार्य कराने की आवश्यकता है।प्राथमिक विद्यालय सिगेंरा भरौटी में मात्र तीन कक्ष में पांच तक कक्षाएं संचालित होती मिली,परिसर में मिट्टी भराई,खड्डजा,इण्टरलाकिंग,चारदीवारी ऊंची कराने की जरूरत है जिससे छात्र-छात्राओं को‌ सुरक्षित माहौल मिले।लेकिन इन विद्यालयों पर मिशन कायाकल्प के तहत क्षेत्र पंचायत व ग्राम पंचायत निधि से लाखों रुपए खर्च किए गये परन्तु स्थिति जस की तस बनी हुई है।इस संबंध में खंड विकास अधिकारी कौस्तुभ मणि त्रिपाठी ने बताया कि मामले की जानकारी करके सभी कार्यों को पूर्ण कराया जाएगा।

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