घोर लापहरवाही:मरदह ब्लाक में शो पीस बन चुकें हैं मिनी सचिवालय/ग्राम पंचायत कार्यालय
शुक्रवार को आधा दर्जन पंचायत भवनों में लटकते रहें दिन भर तालें

गाजीपुर।मरदह ब्लाक क्षेत्र के 62 गांव के लोगों को आय,जाति या अन्य प्रमाणपत्र बनवाने के लिए तहसील या जिला मुख्यालय का चक्कर न लगाना पड़े,इसके लिए शासन ने हर ग्राम पंचायत में पंचायत भवन का निर्माण कराया है। साथ ही आयुष्मान कार्ड,वृद्धा पेंशन,विधवा पेंशन,दिव्यांग पेंशन आदि को लोगों को लाभ नहीं मिल पा रहा है।प्रति पंचायत भवन पर 10 से 12 लाख रुपये खर्च किए गए हैं।
पंचायत सहायक भी नियुक्त किए गए हैं लेकिन इसका लाभ आम लोगों को नहीं मिल रहा है।हालत यह है कि अधिकतर पंचायत भवनों (मिनी सचिवालय) पर ताले लटक रहे हैं।ग्राम प्रधान अपने साथ झोले में मुहर और अन्य कागजात रखते हैं और जरूरत पड़ने पर किसी का प्रमाणपत्र जारी कर देते हैं।सरकार की मंशा पंचायत भवन को मिनी सचिवालय के रूप में विकसित करना है,जहां ग्रामीणों की फरियाद सुनकर उनकी समस्याएं दूर की जा सकें।ग्राम पंचायत के कार्यों को आसान बनाने के लिए पंचायत सहायकों की नियुक्ति भी की गई।इसके बाद भी पंचायत भवनों की स्थिति यथावत ही है।
शुक्रवार को ब्लॉक के विभिन्न ग्राम पंचायतों की पड़ताल की तो चौंकाने वाली बात सच्चाई सामने आई।जहां से विकास विभाग की योजनाएं चलती हैं वहीं के पंचायत भवनों में ताला लटकता मिला।मिनी सचिवालय फत्तेपुर 12.40 बजे बंद,पलिया 12.43 बजे बंद,जरगो खास 12.48 बजे बंद,तेजपुरा 1.30 बजे बंद,मड़ही 1.57 बजे बंद,बिहरा 3.25 बजे बंद मिला तो वहीं वहीं दूसरी ओर मिनी सचिवालय दुर्खुर्शी 12.08 बजे व खजूरगांव 12.28 बजे खुला पाया गया।अगल-बगल के लोगों ने बताया कि प्रायःताला बंद ही रहता है,जब किसी अधिकारी का दौरा होता है तो कार्यालय समय से खुल जाता है लेकिन गांव के लिए यह शो पीस ही बना हुआ है।मूलभूत सुविधाओं के हमें आज भी भटकना पड़ रहा है।इस विषय पर सुभासपा के जिला उपाध्यक्ष प्रीतम कन्नौजिया उर्फ रामप्रवेश ने कहा कि यह मामला बहुत गंभीर है,ऐसी से लापरवाही घोर अनियमितता को उजागर कर रही है इस मामले को उच्चधिकारियों सहित पंचायती राज्यमंत्री ओमप्रकाश राजभर से इसकी शिकायत लिखित की जाएगी।