ग़ाज़ीपुर

जनसहयोग से श्रवण कुमार मंदिर का जीर्णोद्धार कर दिखाया आइना

मंदिर काफी जीर्ण शीर्ण हाल में कायाकल्प की बांट जोह रहा

गाजीपुर।मरदह ब्लाक के श्रवणडीह गांव में त्रेतायुग से स्थापित श्रवण कुमार जी का मंदिर काफी जीर्ण शीर्ण हाल में कायाकल्प की बांट जोह रहा जिसको लेकर गांव वाले लम्बे समय तक क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों सहित उच्चधिकारीयों से गुहार लगाते रहे लेकिन जब किसी ने इसकी सूध नहीं तो खुद इसका बीड़ा उठाया और जनसहयोग से लगभग छःलाख रूपए की लागत से मंदिर का जीर्णोद्धार कराकर सभी को आइना दिखाने का कार्य करते हुए निर्णायक फैसला लेते हुए जैसे बगल के महाहर धाम में हर वर्ष महाशिवरात्रि पर्व पर पूजन अर्चन तथा मेले का आयोजन होता है उसी प्रकार यहां भी आयोजन करने का निर्णय लेते हुए अखंड रामायण पाठ के साथ शुरुआत की।मालूम हो कि देश के सर्वोत्कृष्ट पवित्र धामों में अग्रणी महाहर धाम शिव मंदिर पौराणिक वेद पुराणों में विद्यमान हैं।महाहर धाम के दक्षिण दिशा में 5 किलोमीटर की दूरी पर श्रवण कुमार का जीर्ण-शीर्ण मंदिर था।और उस गांव का नामकरण श्रवणडीह के रूप त्रेतायुग से वेद पुराणों में जहां अंकित हैं वहीं दूसरी ओर राजस्व अभिलेख में भी दर्ज है।इस नाम का गांव पूरे भारत वर्ष में कहीं नहीं है।इसी स्थान से श्रवण कुमार अपने अंधे माता पिता को कांवर में बैठाकर तीर्थ यात्रा के दौरान गुजर रहे थे की माता-पिता को प्यास लगने पर गांव स्थित पीपल के वृक्ष के नीचे बैठाकर पास स्थित पुरईन झील के पास तालाब से कमण्डल में जल भरने हेतू गये थे।उस समय महाहर धाम स्थित महल में उपस्थित राजा दशरथ ने कमण्डल में पानी भरने की आवाज को जंगली जानवरों की आवाज समझकर शब्दभेदी बाण चला दिये जो श्रवण कुमार को जाकर लगी थी घायल होने के उपरांत उन्होने अपने प्राण तोड़ दिए थे,यह कहानी आज भी सर्वविदित है।जिनके नाम पर आज श्रवणडीह गांव आबाद है।आज जहां श्रवण जी कि प्रतिमा विराजमान थी जो काफी लम्बे समय से जीर्ण-शीर्ण अवस्था काफी अशोभनिय प्रतित हो रहा।आजादी के दशको बाद भी विकास की किरण इस गाव पर नही पडी,गांव के लोग जनप्रतिनिधिओं को कोस रहे थे।ग्राम प्रधान रमेश यादव के पहल पर पुजारी धर्मदेव यादव,कवि राजेंद्र राजभर,पूर्व प्रधान मंगरू यादव,नन्हक यादव मास्टर,हवलदार मास्टर,दीनानाथ सिंह,रामबदन सिंह, आनंद सिंह,श्रीनाथ यादव,टिंकू राजभर,दर्शन राजभर,पांचू राजभर,अंगद प्रजापति,गुड्डू यादव,गिरजा गोड़,मरछू गोड़, राजेश राजभर,राममूरत पहलवान आदि के नेतृत्व में जनसहयोग से मंदिर का जीर्णोद्धार किया।जहां महाशिवरात्रि पर्व पर पूजन अर्चन भजन कीर्तन प्रवचन सत्संग के साथ ही मेले का आयोजन किया जाएगा।तथा भण्डारे के द्वारा प्रसाद भी वितरित किया जाएगा।

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