विलायती तुलसी में पाए गए है चने के उकठा रोगनाशक गुण:नवनीत त्रिपाठी
विलायती तुलसी में पाए गए है चने के उकठा रोगनाशक गुण:नवनीत त्रिपाठी
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गाजीपुर।पीजी कालेज में पूर्व शोध प्रबन्ध प्रस्तुत संगोष्ठी का आयोजन किया गया।यह संगोष्ठी महाविद्यालय के अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ तथा विभागीय शोध समिति के तत्वावधान में महाविद्यालय के सेमिनार हाल में सम्पन्न हुई, जिसमें महाविद्यालय के प्राध्यापक,शोधार्थी व छात्र- छात्राएं उपस्थित रहे।उक्त संगोष्ठी में विज्ञान संकाय के अन्तर्गत वनस्पति विज्ञान विषय के शोधार्थी नवनीत त्रिपाठी ने अपने शोध प्रबंध शीर्षक “एंटीफंगल एक्टिविटी ऑफ हायर प्लांट्स अगेंस्ट फ्यूजेरियम ऑक्सिस्पोराम फ० स्पे० सिसिरी काजिंग विलटिंग इन चिकपी” नामक विषय पर शोध प्रबंध व उसकी विषय वस्तु प्रस्तुत करते हुए कहा कि वर्तमान शोध के निष्कर्षों से पता चलता है कि हिप्टिस सुवेओलेंस (विलायती तुलसी) के पौधे में फफूंदनाशक गुण मौजूद हैं और विभिन्न प्रकार की फफूंदी को समाप्त करने में सहायक है। उक्त शोध में यह पाया गया है कि हाइप्टिस सुवेओलेंस (विलायती तुलसी) में मौजूद प्राकृतिक फफूंदनाशक गुण फ्यूजेरियम ऑक्सिस्पोरम फफूंद के नियंत्रण में उपयोगी है। इसे बीज उपचार, मिट्टी उपचार, स्प्रे और जैविक फफूंदनाशक के रूप में प्रयोग किया जा सकता है, जिससे चने के उकठा रोग को कम करने में मदद मिल सकती है। प्रस्तुतिकरण के बाद विभागीय शोध समिति व अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ तथा प्राध्यापकों व शोध छात्र-छात्राओं द्वारा शोध पर विभिन्न प्रकार के प्रश्न पूछे गए जिनका शोधार्थी ने संतुष्टि पूर्ण एवं उचित उत्तर दिया।तत्पश्चात महाविद्यालय की विभागीय शोध समिति,अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ के सदस्यों तथा महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफे० (डॉ०) राघवेन्द्र कुमार पाण्डेय ने शोध प्रबंध को विश्वविद्यालय में जमा करने की संस्तुति प्रदान की। इस संगोष्ठी में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफे० (डॉ०) राघवेन्द्र कुमार पाण्डेय, अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ के संयोजक प्रोफे०(डॉ०)जी० सिंह , प्रोफे०(डॉ०) अरुण कुमार यादव, प्रोफे०(डॉ०)सुनील कुमार, प्रोफे०(डॉ०)एस०डी० सिंह परिहार, डॉ०रामदुलारे, शोध निर्देशक एवं विभागाध्यक्ष डॉ० जे० के० राव, डॉ० अमरजीत सिंह, डॉ०इन्दीवर रत्न पाठक, प्रोफे०(डॉ०) रविशंकर सिंह, डॉ० गौतमी जैसवारा, प्रोफे०(डॉ०) सुनील कुमार, डॉ० अशोक कुमार, डॉ०अंजनी कुमार गौतम, डॉ० लव जी सिंह, डॉ०कमलेश, अमितेश सिंह एवं अन्य प्राध्यापक गण व शोध छात्र छात्राएं आदि उपस्थित रहे। अंत में डॉ० जे० के० राव ने सभी का आभार व्यक्त किया। संचालन डॉ० जी० सिंह ने किया।