ग़ाज़ीपुर

परस्पर सद्भाव की अद्भुत संगम स्थली महाहर धाम शिव मंदिर परिसर

महाहर धाम हमारी पौराणिक धरोहर है यह राजा दशरथ की छावनी थी

गाजीपुर।महाहर धाम हमारी पौराणिक धरोहर है यह राजा दशरथ की छावनी थी।इसके काल निर्धारण के बारे में कुछ पता नहीं चलता है।मार्तण्ड पुराण की हस्तलिखित प्रतिलिपि में इसका उल्लेख मिलता है।भगवान शिव का यह पावन धाम जहां लाखों श्रद्धालु प्रतिवर्ष दर्शन पूजन करने आते हैं किन्तु यह धाम सरकार द्वारा आज भी उपेक्षित है।इसलिये इस पावन धाम को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किये जाने की जरूरत है।”परस्पर सद्भाव की अद्भुत स्थली है ‘महाहर’
‘महाहर’ धाम में स्थित 13 मुखी प्राचीन मुख्य शिवमंदिर के चारों तरफ विभिन्न जाति-सम्प्रदाय के बने मंदिर महाहर धाम में परस्पर सद्भाव का संचार करते हैं,जहां नागा बाबा द्वारा बनवाया गया सर्व-सम्प्रदाय का दुर्गा मंदिर,चौहानों का विष्णु मंदिर, यादवों का राधा-कृष्ण मंदिर,दलित समुदाय का संत रविदास मंदिर,धोबी समुदाय का शंकर मंदिर, प्रजापति समुदाय का शिवमंदिर,नाई बिरादरी का हनुमान मंदिर, राजभर समाज का राम-लक्ष्मण जानकी मंदिर(जिसमें श्रवण कुमार की प्रतिमा भी स्थापति है,दुसाध समुदाय का राम-लक्ष्मण मंदिर,बिन्द समाज का संकटमोचन मंदिर तथा बरई बिरादरी का मंदिर इस धाम को परस्पर सद्भाव की अद्भुत संगम स्थली बनाते है।
रिपोर्ट विशेष: राहुल सिहं पत्रकार मरदह गाजीपुर

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