संविधान गौरव अभियान गोष्ठी का आयोजन मनिहारी मंडल में सम्पन्न
भारतीय जनता पार्टी ने डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की विरासत को सम्मानित
गाजीपुर।भारतीय जनता पार्टी द्वारा चलाए गए कार्यक्रम संविधान गौरव अभियान गोष्ठी का आयोजन मनिहारी मंडल प्रथम के ग्राम सभा मर्दानपुर में किया गया।कार्यक्रम की शुरुआत बाबा साहब संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी के चित्र पर मुख्यातिथि,विशिष्ट अतिथि तथा मंडल अध्यक्ष वह अन्य ग्राम वासियों के द्वारा पुष्प अर्पित कर किया गया ।भारतीय जनता पार्टी मनिहारी मंडल के पूर्व मंडल अध्यक्ष और इस गोष्ठी के मुख्य अतिथि हृदेश सिंह ने बताया कि कांग्रेस पार्टी जो अब पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री मनमोहन सिंह जी के निधन के बाद उनके लिए स्मारक बनाने की मांग कर रही है उसे अपने आप मंथन करना चाहिए कि भारत के सबसे प्रगतिशील प्रधानमंत्री में से एक स्वर्ग की पीवी नरसिंग राव के साथ उनके निधन के बाद कैसा व्यवहार किया गया था उनके पार्थिव शरीर को कांग्रेस मुख्यालय में प्रोटोकॉल के तहत निर्धारित आधिकारिक स्थान देने से इनकार कर दिया गया था, वरिष्ठ कांग्रेस नेता मगरीट अल्वा ने भी इस अनुचित व्यवहार पर आपत्ति जताई थी ।यह भी याद रखने योग्य है कि जिन्होंने स्वयं को भारत रत्न से सम्मानित किया।वह बाबा साहब के साथ अन्याय करने से नहीं चुके कांग्रेस जिसने सत्ता के लिए बार-बार संविधान के मूल भाव को तोड़ा है उसे बाबा साहब अंबेडकर की विरासत पर बोलने का नैतिक अधिकार नहीं है।कांग्रेस ने उन क्षेत्रों को जैसे बारिसाल , जेसोर –खुलना, और फरीदपुर जो डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का समर्थन करते थे पर मुस्लिम बाहुल नहीं थे, उन क्षेत्रों को पाकिस्तान को सौंप दिया जिससे डॉक्टर अंबेडकर को पुनः चुनाव लड़ना पड़ा।हिंदू महासभा के नेता श्री एम आर जयकर ने पुणे में अपनी सीट से इस्तीफा देकर डॉक्टर अंबेडकर की संविधान सभा में वापसी का मार्ग प्रशस्त किया।कार्यक्रम में उपस्थित पूर्व मंडल अध्यक्ष श्री ओंकार सिंह ने बताया कि सन 1952 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और कम्युनिस्ट नेताओं ने नेहरू की सीधी निगरानी में डॉ अंबेडकर को हराने के लिए बाबा साहब के P A नारायण राव कजरोलकर को उम्मीदवार बनाया था।नेहरू में व्यक्तिगत रूप से उपचुनाव में डॉक्टर अंबेडकर के खिलाफ प्रचार किया जो उनके प्रति नेहरू की शत्रुता को दर्शाता है।संविधान गौरव अभियान को संबोधित करते हुए मंडल अध्यक्ष प्रदीप सिंह ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी ने डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की विरासत को सम्मानित करने के लिए हर संभव प्रयास किया 1990 में भाजपा समर्थित सरकार ने भारत के कानून और सामाजिक ढांचे को आकार देने में उनकी अद्वितीय भूमिका को मान्यता देते हुए डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी को प्रतिष्ठित भारत रत्न से सम्मानित किया।पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जी के नेतृत्व में 12 अप्रैल 1990 को संसद के केंद्रीय कक्ष में डॉ अंबेडकर की तस्वीर लगाई गई जो भारतीय लोकतंत्र में उनके महत्व को दर्शाता है।प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा ने लगातार डॉक्टर अंबेडकर के योगदान का सम्मान करने और यह निश्चित करने के लिए काम किया है कि उनकी विरासत को आने वाले पीढ़ियों के लिए संरक्षित किया जाए।डॉक्टर अंबेडकर के जीवन से जुड़े पांच प्रमुख स्थलों की पहचान की गई और उन्हें पंच तीर्थ के रूप में विकसित किया गया है उसमें शामिल है 1) जन्मभूमि (महू मध्य प्रदेश) उनकी जन्मस्थली जिसे एक प्रमुख स्मारक में परिवर्तित किया गया
2) शिक्षा भूमि (लंदन ) जहां उन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त की (3) दीक्षाभूमि (नागपुर) जहां उन्होंने बौद्ध धर्म अपनाया (4) महापरिनिर्वाण भूमि (दिल्ली) जहां बाबा साहब ने अंतिम सांस ली
(5) चैत्य भूमि (मुंबई ) जहां उनकी समाधि बनाई गई।
इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से गुलाब सिंह जी, प्रमोद चौहान,बूथ अध्यक्ष श्रीपति चौहान, मुंशी राम,मारकंडे राम, अवधु राम, रामकरण राम, रज्जू राम, विजय राम, राजकुमार राम, उमेश राम, रामकरण राम, रमाकांत राम, के मंडल अध्यक्ष करण कुमार, बूथ कमेटी के सभी सदस्य व ग्राम सभा के सम्मानित लोग उपस्थित रहे।