ब्रेकथ्रू की ग्रामीणों संघ बैठक में ग्रामीण विकास को लेकर चर्चा,ग्रामीण पंचायत विकास योजना के तहत हुआ आयोजन
मरदह विकास खंड के टिसौरी और इंदौर में जन चौपाल लगाकर सुनवाई का आयोजन किया गया
गाजीपुर।ब्रेकथ्रू की ग्रामीणों संघ बैठक में ग्रामीण विकास को लेकर चर्चा,ग्रामीण पंचायत विकास योजना के तहत हुआ आयोजन।ब्रेकथ्रू के तत्वाधान में आयोजित ग्रामीण पंचायत विकास योजना के अंतर्गत मरदह विकास खंड के टिसौरी और इंदौर में जन चौपाल लगाकर सुनवाई का आयोजन किया गया।इस आयोजन में गांव के यूथ ग्रुप के सदस्यों ने गांव का मानचित्र बनाकर ग्राम में मौजूद समस्याओं की एक सूची तैयार कर ग्राम प्रधान के सामने रखी।इस सूची में मुख्य तौर पर उच्च शिक्षा की समस्या, रोजगार की समस्या,एवं गांव में स्थित मदिरा की दुकान से होने वाली समस्या पर प्रधान संघ के समक्ष चर्चा की गई। इस अवसर पर ग्राम प्रधान ने कहा कि आज गांव के युवा अपने गांव की समस्या का खांका खुद तैयार कर रहे है जो कि एक अच्छी बात है।उन्होंने यह भी कहा कि जो समस्याएं उनके सामने लाई गई हैं उनमें से कुछ पर काम हो रहा है और कुछ पर काम आगे होगा,यह आश्वासन प्रधान द्वारा ग्रामीणों को दिया गया| इस बैठक के दौरान बाल संरक्षण समिति की गतिशीलता को लेकर भी प्रधान द्वारा चर्चा की गई।इस मौके पर ग्राम प्रधान चंद्रभान सिंह, रामभवन राम,विमलेश,अरशद,सरिता के साथ आशा आगनवाड़ी सहित कई ग्रामीण मौजूद रहे।एक नजर में
ब्रेकथ्रू के बारे में जानें:लिंग आधारित/लैंगिक हिंसा के कई चेहरे हैं, जिनमें यौन उत्पीड़न जैसे स्पष्ट चेहरे से लेकर भावनात्मक शोषण, वित्तीय शोषण या किसी अवसर से इनकार जैसे सूक्ष्म चेहरे भी शामिल हैं।आक्रोश और कानूनी बाधाओं से परे,सच्चे परिवर्तन में उस संस्कृति को बदलना शामिल है जो हिंसा करने की अनुमति देती है।इस परिवर्तन को लागू करने का सबसे प्रभावी तरीका व्यवहार में ठोस परिवर्तन होने से पहले लैंगिक मानदंडों और मान्यताओं को ढालना है। यह पूरे उत्तर भारत में लगभग 20 लाख किशोरों के साथ ब्रेकथ्रू के काम को रेखांकित करता है। जैसे-जैसे हम सपनों,आकांक्षा,नेतृत्व,एजेंसी और बातचीत कौशल को बढ़ावा देकर उनकी क्षमता का निर्माण करते हैं।एक पूरी पीढ़ी सक्षम संस्कृति की ओर बढ़ रही है जिसमें लिंग आधारित/ लैंगिक भेदभाव वाली हिंसा अस्वीकार्य है। जब लिंग मानदंड बदलते हैं।तो लड़कियों के लिए सब कुछ बदल जाता है-घर के कामकाज के बंटवारे से लेकर शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की पहुँच तक सब कुछ बदल जाता है।इस पीढ़ीगत बदलाव का प्रमाण हमारे समुदायों में शादी की उम्र और स्कूल जाने वाली लड़कियों की संख्या में लगातार वृद्धि में दिखाई दे रहा है।हमारे मिशन का नेतृत्व 11 से 24 वर्ष की आयु के युवा कर रहे हैं। जैसे-जैसे वे लिंग आधारित हिंसा के खिलाफ़ आवाज़ उठाते हैं, हम मीडिया टूल के माध्यमों के साथ उनकी यात्रा का भी समर्थन करते हैं जो सार्वजनिक स्तर पर नरेटिव का निर्माण करते हैं और लोगों को समानता,गरिमा और न्याय की दुनिया की कल्पना करने के लिए प्रेरित करते हैं।