ग़ाज़ीपुर

आंतक:रात दिन घूम रहे है झूडो में बंदर,लोग परेशान,डर से लोगो ने मॉर्निंग वॉक छोड़ा

रात दिन घूम रहे है झुंडो में बंदर,लोग परेशान,डर से लोगो ने मॉर्निंग वॉक छोड़ा

गाजीपुर।नंदगंज बाजार में रात दिन घूम रहे बंदरों के आतंक से लोग परेशान है।बंदर इतना उत्पात मचा रहे हैं कि लोग सुबह शाम रेलवे स्टेशन व अन्य जगहो पर मॉर्निंग वॉक करने मे भय खा रहे है।कुछ ने डर के मारे मॉर्निंग वॉक भी छोड़ दिया है।नंदगंज बाजार के दुकानदार व ठेले वाले भी इनके आतंक से परेशान है।यह कभी फल तो कभी कुछ सामान लेकर भाग जा रहे है।बन्दरों ने इतना आतंक मचा रक्खा है कि रात और दिन में लोगो की छतो और बालकनी पर घूम रहे है जिससे घर की औरते अपने घर के छतो पर आना जाना कम कर दिया है।औरते अगर जा भी रही है तो डर डर के और साथ में डंडा लेकर।बन्दर छत पर फैलाये गए कपड़े को नोंचकर फाड़ देने के साथ ही पानी टंकी का ढक्कन खोलकर फेंक दे रहे है।आए दिन बंदर घर में घुस कर रसोई घर में तो कभी फ्रीज में रक्खा सामान निकाल कर खा जा रहे हैं और फेक दे रहे है।लोगो ने बताया कि दर्जनों की संख्या ये बंदर झुंड बनाकर चल रहे है और घर का सामान लेकर भागने के साथ साथ बच्चो व बड़ों को काटने के लिए भी दौड़ा ले रहे है।रेलवे स्टेशन पर तो और भी बुरा हाल है ट्रेनों से यात्रा करने वाले यात्रियों को आये दिन इन बन्दरों से ज्यादा जुझना पड़ता है। इस समय इन बन्दरों के छोटे छोटे बच्चे ज्यादा उत्पाति हो गये है।यह जहाँ थोड़ा सा शोर मचा दे रहें है कि बड़े बंदरों का झुण्ड एकत्र होकर आक्रमण कर दे रहा है। इस समय बंदरों कि संख्या ज्यादा हो गई है। ये आपस में भी लड़ते झगड़ते रहते है। इनके इस लड़ाई में कोई बीच में आ गया तो उस बेचारे की खैर नहीं। उसे जख्मी होना ही पड़ता है। अब तक बंदरों ने बहुत से लोगों को काट कर घायल भी कर चुके है। बंदरों के आतंक से लोग इतने डरे हुए है कि अपने बच्चो को ट्यूशन पढ़ने के लिए भेजते समय उन्हे हर समय अपने मासूम बच्चो की चिंता सताती रहती है कि कही कोई उत्पाति बंदर काट न लें। इस समय बाजार में बन्दरों ने लोगो का राह चलना मुश्किल कर दिया है। वन विभाग भी इस तरफ ध्यान नहीं दे रहा है जिस से लोगो में आक्रोश है ।इस ओर वन विभाग भी ध्यान नही दे रहा है। नंदगंज बाजार के लोगो ने जिला प्रशासन से मांग किया है कि उक्त बंदरो को पकड़वा कर व्यवस्थित जगह पर रक्खा जाय जिससे लोगो को राहत मिल सके और बंदरों को भी कोई नुकसान नही पहुंचे।

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