घटना/दुर्घटना

उन्नाव एनकाउंटर मे मारे गये अनुज प्रताप सिंह के पिता ने उसको पहले ही संपत्ति से कर दिया था बेदखल

पिता को बस यही अफसोस की उसे मौका नही दिया गया

अमेठी।उन्नाव में एनकाउंटर में मारे गए अमेठी के अनुज प्रताप सिंह को लेकर चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। अनुज का नाम सुल्तानपुर सराफा डकैती कांड में आने के बाद से परिजनों ने भी उससे दूरी बनानी शुरू कर दी थी। उसके पिता ने अपनी संपत्ति से बेदखल कर दिया था। उसके बेदखल किए जाने की प्रकाशित सूचना सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रही है।हालांकि यूथ इंडिया टाइम्स वायरल बेदखली सूचना की पुष्टि नहीं करता है। दरअसल विपिन व विनय के संपर्क में आने के बाद अनुज प्रताप सिंह ने अपराध का रास्ता अख्तियार कर लिया था। गुजरात के सूरत में वारदात अंजाम देकर जेल जाने के बाद से उसके आचरण में बड़ा बदलाव आया था। सूत्रों का दावा है कि अपराध जगत में आने के बाद अनुज प्रताप के व्यवहार में बदलाव आया था। सुल्तानपुर डकैती कांड में नाम आने के बाद शायद परिजनों ने भी समझ लिया था कि अनुज अब जरायम की दुनिया से वापस नहीं आएगा। इस घटना के बाद से पुलिस उसकी सरगर्मी से तलाश कर रही थी। इन सभी गतिविधियों को देखकर अनुज को उसके पिता ने अपनी संपत्ति से बेदखल कर उससे दूरी बना ली थी। बेदखल करने की सूचना सोशल मीडिया पर वायरल है। वायरल सूचना में घोषणा करने वाले का नाम धर्मराज सिंह निवासी जनापुर पूरे ठाकुर राम तिवारी थाना मोहनगंज प्रकाशित है। सूचना में दावा किया गया है कि अनुज प्रताप सिंह आवारा किस्म का है। जिसका चाल-चलन ठीक नहीं हैं। वह पिता से मारपीट व जान से मारने की धमकी देता है। इस बारे में अनुज प्रताप सिंह के पिता धर्मराज सिंह ने पहले तो अनुज को बेदखल करने की बात से इन्कार किया, लेकिन जब प्रकाशित सूचना का जिक्र किया गया तो बोले, जिस दिन एनकाउंटर हुआ था, उसी दिन उसे बेदखल करके आए थे। उन्होंने एनकाउंटर पर सवाल तो उठाए, लेकिन कहा कि अब मेरा बेटा चला गया, हम कोई कार्रवाई नहीं चाहते हैं। बेटे के एनकाउंटर को लेकर धर्मराज सिंह ने कहा कि सरकार जो चाहती थी। वह हो गया। बोले, तकलीफ सिर्फ इस बात है कि एक मुकदमा था, कम से कम सरकार को एक मौका तो देना चाहिए थे सुधरने का। 35-40 मुकदमे वाले घूम रहे हैं। मोहनगंज थाने में अभी तक अनुज के खिलाफ 107/16 तक का एक मामला भी नहीं है। बस इसी बात का दुख है कि सरकार को एक मौका देना चाहिए था।

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