अवस्थापनात्मक तत्वों के निर्माण से ही सर्वांगीण विकास सम्भव:अजय कुमार
भूगोल विभाग में शोध प्रबन्ध पूर्व संगोष्ठी सम्पन्न
गाजीपुर।स्नातकोत्तर महाविद्यालय,गाजीपुर के भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ.सुनील कुमार शाही के निर्देशन में अजय कुमार शोध छात्र के शोध प्रबन्ध पूर्व संगोष्ठी प्रस्तुति का आयोजन महाविद्यालय के संगोष्ठी भवन में किया गया। इसमें शोध छात्र अजय कुमार ने अपने शोध शीर्षक “अवस्थापनात्मक तत्व एंव ग्रामीण विकास: बलिया जनपद (उ०प्र०) का प्रतीक अध्ययन” को प्रस्तुत करते हुए बताया कि अवस्थापनात्मक तत्वों के विकास से ही किसी क्षेत्र का सर्वागीण विकास सम्भव है, जिसमें कृषि से लेकर उद्योग- धंधों, सेवा क्षेत्रों आदि का विकास होता है तथा ग्रामीण एंव क्षेत्रीय असमानता में कमी आती है। शोधार्थी ने कहा कि जनपद बलिया के पूर्वी क्षेत्र के विकास में वहां की उर्वर मिट्टी, जल संसाधन कि उपलब्धता, संयुक्त परिवार तथा कृषि की भूमिका महत्वपूर्ण है। यदि इस शोध कार्य के अनुसार कार्य किया गया तो बलिया जनपद के विकास में नया प्रतिमान स्थापित करेगा एंव क्षेत्रों के बीच असमानता को कम करेगा।
प्रस्तुतिकरण के बाद विभागीय शोध समिति, अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ व प्राध्यापकों तथा शोध छात्र-छात्राओं द्वारा शोध पर विभिन्न प्रकार के प्रश्न पूछे गए जिनका शोधार्थी ने संतुष्टिपूर्ण एवं उचित उत्तर दिया। तत्पश्चात समिति एवं महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफे०(डॉ०) राघवेन्द्र कुमार पाण्डेय ने शोध प्रबंध को विश्वविद्यालय में जमा करने की संस्तुति प्रदान किया। इस संगोष्ठी में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफे० (डॉ०) राघवेन्द्र कुमार पाण्डेय, अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ के संयोजक प्रोफे० (डॉ०) जी० सिंह , मुख्य नियंता प्रोफेसर (डॉ०)एस० डी० सिंह परिहार, शोध निर्देशक एवं भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ० सुनील कुमार शाही, अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ के सदस्य प्रोफे (डॉ०) अरुण कुमार यादव, डॉ० के०के० पटेल, डॉ० नितिश कुमार भारद्वाज, डॉ० गौतमी जैसवारा, डॉ०अतुल कुमार सिंह, डॉ० अंजनी कुमार गौतम एवं महाविद्यालय के प्राध्यापकगण तथा शोध छात्र छात्रएं आदि उपस्थित रहे। अंत में डॉ० सुनील कुमार शाही ने सभी का आभार व्यक्त किया, संचालन अनुसंधान एवं विकास प्रोकोष्ठ के संयोजक प्रोफे०(डॉ०) जी० सिंह ने किया।