ग़ाज़ीपुर

सौहार्द एवं बंधुत्व मंच के द्वारा बासफोर बस्ती में उनके अधिकार को लेकर चर्चा की गई

आज भी अधिकारों से क्यों वंचित है आदिवासी समाज: राजकुमार मौर्य

गाजीपुर।जनपद के जलालाबाद के बासफोर बस्ती में आजादी के दशकों बाद भी महिलाएं शिक्षा से वंचित है।जो अपने अधिकारों के बारे में नहीं जान पाती है।जिससे महिलाओं को उनका अधिकार नहीं मिल पा रहा है।समाज सेवी राजकुमार मौर्य ने बताया कि सरकार इस समय महिलाओं के लिए बहुत ज्यादा ध्यान दे रही है।जिससे उनका विकास हो सके,हस्तशिल्प कला को लेकर भी सरकार काफी काम कर रही है।भारत सरकार के द्वारा प्रतिवर्ष करोड़ों रूपए खर्च किए जाते हैं।लेकिन उन योजनाओं का लाभ उन तक नहीं पहुंच पाता जिनको उसकी सकता है।ऐसे में भारत को अर्थव्यवस्था के दृष्टिकोण में मजबूत कर पाना काफी कठिन नजर आता है। बस्ती में दर्जनों ऐसी महिलाएं है।जिनके पास कुछ खास प्रकार का हुनर है।लेकिन उनके कला का मार्केट में उनको उचित दाम नहीं मिल पाता है।और वह गरीबी में जीने को मजबूर है एक महिला ने बताया कि जो बांस की दौरी बनाती है।एक टोकरी को बनाने में 2 दिन लग जाते हैं। लेकिन उसका प्राइज 150 रूपए से 200 ही रह जाता है। यही कारण है कि उनकी मेहनत का उचित दाम आज भी नहीं मिल पा रहा है।सौहार्द बंधुत्व मंच को संचालित करने वाले हिमांशु मौर्य ने बताया कि इस बस्ती की महिलाएं आज भी छुआछूत की शिकार है।ऐसे में अपनी पुरानी पीढ़ी अभी तक बाहर नहीं निकल पा रही है।यही कारण है अभी तक अपने अधिकारों को पाने में ये असमर्थ हैं।इस मौके पर चिंता,सुनारी बांसफोर,प्रेम,रीता,ममता,मनसा,पूजा,उर्मिला, आदि महिलाएं मौजूद रही।

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