मरदह गाजीपुर।विकासखंड में 63 ग्राम पंचायतें हैं जिसके सापेक्ष इनमें 19 सचिव कार्यरत हैं।एक सचिव के पास चार या पांच ग्राम पंचायतों की जिम्मेदारी है।सचिव इस कमी का पूरा फायदा उठाते हैं।वे ग्राम पंचायतों में यदा कदा ही पहुंचते हैं,इससे ग्रामीणों को भी काफी दिक्कतें होती हैं।वे अपने कार्य के लिए सचिवों का इंतजार करते रहते हैं। अधिकारियों के निरीक्षण के दौरान ग्राम पंचायत में न मिलने पर दूसरी ग्राम पंचायत में होने का बहाना बना देते हैं।अन्य ब्लाकों की तरह सचिवों के ग्राम पंचायत में बैठने के लिए रोस्टर का निर्धारण हो चुका है।लेकिन इस ब्लाक में ऐसा कुछ नहीं जिससे गांव के लोगों को गांव में ही सुविधाएं प्राप्त हो।आज भी गांव लोगों को दूर दराज ब्लाक,तहसील व जिला मुख्यालय चक्कर न लगाना पड़ता।सबसे मजे की बात यह है कि अधिकांशत गांव वाले अपने सचिवों का चेहरा भी नहीं देखे होंगे। क्योंकि अगर कोई बैठक होती है तो उसमें कुछ चुनिंदा लोगों को शामिल करके कोरम पूरा कर लिया जाता है।ब्लाक मुख्यालय से कोसों दूर बौरी,पारा, फत्तेपुर,पलिया,जरगो खास,रूहीपुर,रसूलाबाद,हरहरी, सुलेमापुर देवकली,उच्चौर,गेहुड़ी,बेलसड़ी,तेजपुरा,बिहरा,
महमूदपुर,मड़ही,इंदौर सहित सभी गांवों में सचिवों के आने व जाने का समय निर्धारित नहीं है।सरकार के लाख कोशिशों के वावजूद भी सचिव अपनी मर्जी से ग्राम पंचायतों में बैठते हैं।साप्ताहिक बैठक को छोड़कर रोस्टर के अनुसार गांवों में बने मिनी सचिवालय पर बैठने की भी व्यवस्था है लेकिन वह सिर्फ कागजों पर दौड़ रहा है।सचिवों को ग्राम पंचायतों में जाकर उन्हें जनता की समस्या सुनने,परिवार रजिस्टर की नकल, मृत्यु एवं जन्म प्रमाण पत्र जारी करने की भी जिम्मेदारी सचिवों पर ही है।तैनात सचिवों के ग्राम पंचायतों में नहीं पहुंचने से ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।इस संबंध में खंड विकास अधिकारी कौस्तुभ मणि त्रिपाठी ने बताया कि जल्द से जल्द ग्राम पंचायतों में बैठने के लिए सचिवों का रोस्टर निर्धारित किया जाएगा।रोस्टर को विकास खंड कार्यालय पर अंकित करवा दिया गया है।यदि कोई सचिव निर्धारित रोस्टर पर अपनी ग्राम पंचायत में नहीं मिलेगा तो कार्रवाई की जाएगी।