राजनीति

नेताजी का कार्यकताओं से मोहभंग,सिर्फ लूटते हैं बहार

अवसरवादी नेताओं से ठगी महसूस कर रही जहुराबाद की जनता

(प्रथम भाग)

गाजीपुर।अवसर वादी नेताओं की हो रही भरमार,जनता से‌ नहीं है कोई सरोकार,नहीं है इनके पास कोई जनाधार।फिर भी है इनका पार्टी में उंचा कद-काठी,ऐसे लोगों से कैसे होगा भला।समाजवादी पार्टी ने बीते लोकसभा चुनाव के पूर्व ही क्षेत्र के एक पेट्रोल पंप संचालक को संगठन में प्रदेश सचिव का पद तो दें दिया।लेकिन ये नेताजी कभी भी जनता के बीच नहीं दिखें,तथा किसी के सुख या दुःख में भी शरीक होने की फुर्सत नहीं है इनके पास।फुर्सत है तो सिर्फ अगर कोई बड़ा नेता लखनऊ से पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के रास्ते अगर गाजीपुर में किसी कार्यवश या दौरे पर पहुंचता है तो ये नेता जी अपना ताना बाना बुन कर बादशाहत कायम करने की नियत से कुछ कार्यकर्ताओं को बरगला कर उनके स्वागत अभिनन्दन में जुट कर खूब वाहवाही लूटने की।बकायदे यह नेता जी अपने प्रतिष्ठान पेट्रोल पंप पर टेंट कुर्सी लगाकर कर माल्यार्पण कर नागरिक अभिनंदन भी करते दिखे हैं।कुछ लोगों ने बताया कि कई बार टेंट कुर्सी का पैसा कार्यकर्ताओं को ही देना पड़ा।नेताजी कन्नी काट जाते हैं।पर किसी भी कार्यकर्ताओं के सुख-दुख में कभी भी नेताजी नहीं दिखें।नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर कार्यकर्ताओं ने बताया कि नेताजी जी का पार्टी के कार्यकर्ताओं से मोहभंग हो चुका है।सिर्फ वह विधानसभा जहुराबाद के दो वरिष्ठ नेताओं के यहा दरबार लगाते हुए उनके आगे पीछे देखें जाते हैं।इन्ही दोनों नेताओं की रजामंदी पर कोई भी उच्चस्थ नेता इनके पेट्रोल पंप पर पहुंचता है।जहां इनके एक भी समर्थक व स्वजातीय नहीं मिलते है।वह गलिमत रहती है कि कुछ क्षेत्रीय जुझारू समाजवादी कार्यकर्ताओं की वजह से इनकी इज्जत बच जाती है।जिसका भरपूर लाभ इन नेताजी को जहुराबाद से लखनऊ तक मिल जाता है।उदाहरण के तौर पर बीते दिनों की बात करें तो लोकसभा बलिया से पार्टी का टिकट लेकर पहुंचे सनातन पांडेय का भी यहीं पेट्रोल पंप पर स्वागत किया गया।साथ ही साथ रविवार को नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पाण्डेय का भी पेट्रोल पम्प पर सपा के प्रदेश सचिव ने नाम मात्र के सपा कार्यकर्ताओं के साथ स्वागत कर वाहवाही बटोरी।जिससे यह प्रतित होता है कि नेताजी अवसर वादी है,इनका जनता और क्षेत्रीय लोगों से कोई नाता नहीं है।इनका घर तो आजमगढ़ जनपद में है।पर यह राजनीतिक रोटियां जहुराबाद में पकाते हैं।

द्वितीय भाग अगले चरण में

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