डोड़सर गांव की गीता को आखिर क्यों नहीं मिल रहा न्याय,वर्षों बाद भी दर-दर भटक रही
गाजीपुर।कई राज सीने में दफन कर जीवन व्यतीत कर रही गीता खरवार
गाजीपुर।कई राज सीने में दफन कर जीवन व्यतीत कर रही गीता खरवार।मालूम हो कि मरदह थाना क्षेत्र के डोड़सर गांव निवासी राजकुमार खरवार की पुत्री गीता खरवार की शादी जखनियां तहसील क्षेत्र के बेलहरा गांव निवासी गीता खरवार पत्नी विनय खरवार उर्फ़ गुल्लू से हुई।जो सामू खरवार का सबसे छोटा बेटा है।सामू खरवार के चार पुत्र है जिसमें सबसे छोटा बेटा से गीता खरवार की शादी 2008 में हुई थी गीता खरवार का कहना है की उनके पति विनय खरवार की हत्या कर उनका शव रेलवे ट्रैक पर फेक दिया गया था।उस वक्त गीता अपने मायके में थी इस बड़ी घटना की सूचना उन्हें ससुराल वालों ने देरी से दी थी।गीता खरवार अपने दो पुत्र और पुत्री को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गोरखपुर जनता दरबार में मिल कर अपनी व्यथा पता चुकीं हैं।गीता खरवार ने बताया कि मुझे मेरा हक नही दिया गया मुझे देखने वाला कोई नहीं है मैं असहाय बनके रह गई हूं आज भी गीता खरवार अपने अधिकार के लिए दर-दर की ठोकरे खा रही हैं।मुंबई के गोरेगांव इलाके में तीन दुकानें हैं।चेकनाका में भी एक दुकान है।पति के मृत्यु के बाद आज भी गीता खरवार दर दर की टोकरे खा रही है गीता खरवार का एक बेटा अभय खरवार उम्र 13 वर्ष,बेटी अनन्या खरवार उम्र 10 वर्ष उनके भरण पोषण के लिए सिलाई-कढ़ाई कर उसे जो भी पैसा मिलता है उसी से अपने बच्चों का पेट भरती हैं।गीता खरवार के परिस्थिति के बारे में समाजसेवी बसपा नेता अरविंद कुमार ने बताया कि उनके साथ बहुत ही गलत हो रहा है उनको न्याय मिलना चाहिए।इसके लिए लड़ाई लड़ी जाएगी।