ग़ाज़ीपुर
सोनबरसा किला बना जिले में चर्चा का विषय,घंटों मशक्कत के बाद हुआ मामला शांत
सोनबरसा किला बना जिले में चर्चा का विषय,घंटों मशक्कत के बाद हुआ मामला शांत
गाजीपुर।थानाध्यक्ष एक सेक्शन पीएसी मौजूद रही।
कासिमाबाद किले पर कैसी है स्थिति,किला सोनबरसा गांव की अराजी नम्बर 136 रकबा 0.7120 हेक्टेयर में फैला है।इस किले पर शाबिर दादा की मजार के साथ देई मां का स्थान है।एक पक्ष के लोगों का आरोप है कि साबिर दादा के मजार पर अराजक तत्वों का जमावड़ा लगता है। 24 घंटा महिलाओं की झाड़ फूंक की जाती है।हिंदू पक्ष देई मां के स्थान पर प्रत्येक श्रावण मास में नाग पंचमी के दूसरे दिन से रक्षाबंधन तक काली मां के साथ गांव के हर देवी देवताओं को धार जल चढ़ाते हैं।हिंदू पक्ष के लोगों ने बताया कि देई मां का स्थान 50 वर्षों से मौजूद रहा है।इस वर्ष ना जानकारी में अराजक तत्वों ने देई मां का स्थान क्षतिग्रस्त कर पिंडी तोड़कर फेंक दिया गया है।यही कारण है कि देई मां के स्थान का निर्माण कराने का निर्णय लिया गया था।मुस्लिम पक्ष बिना वजह का विवाद पैदा किया।पूर्व में भी रहा है तनाव-पूर्व में 80 के दशक में किले पर दोनों पक्षों में तनाव के साथ विवाद हुआ था।इस विवाद को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों के बीच दोनों पक्षों में समझौता हुआ था।जिसमें दोनों पक्षों के द्वारा किले पर कोई नवनिर्माण कार्य नहीं किए जाने का समझौता हुआ था इसी को मुस्लिम पक्ष दिखाते हुए देई मां के स्थान का निर्माण कार्य करने से रोक रहे थे।हिंदू पक्ष का कहना था कि जब 1980 में दोनों पक्षों को मना किया गया तो साबिर दादा की मजार का निर्माण के साथ ऊपर से टीन सेड कैसे लगाया गया है।चारों तरफ से रेलिंग बनाई गई है।यह किसके अनुमति से कराया गया है।इस बात पर मुस्लिम पक्ष के पास कोई जवाब नहीं था।हिंदू पक्ष के लोगों ने प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत किया कि सोनबरसा गांव में कुछ लोग अमन चैन को बिगाड़ना चाहते हैं।अगर इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो आने वाले दिनों में शांति भंग हो सकती है।इस संबंध में उप जिलाधिकारी कासीमाबाद आशुतोष कुमार ने बताया कि दोनों पक्षों की बात सुनकर समाधान कर दिया है।कोई अशांति की बात कही नहीं है।