निर्वतमान थानाध्यक्ष के तबादले पर कहीं खुशी तो कहीं गम की छाया
थाने से कार्यमुक्त होकर विवेचना सेल में स्थानांतरण होने के बात सत्ताधारियों सहित आमजन राहत की सांस ले रहा

गाजीपुर।स्थानीय थाने पर तैनात रहे निर्वतमान थानाध्यक्ष मरदह धर्मेंद्र पाण्डेय के थाने से कार्यमुक्त होकर विवेचना सेल में स्थानांतरण होने के बात सत्ताधारियों सहित आमजन राहत की सांस ले रहा है।परन्तु जिसको दर्द तकलीफ देकर गये वह उनको खूब कोस रहा है।मालूम हो कि अपने तैनाती के पूरे समय तक भले विभागीय अधिकारियों की नजर में अच्छा प्रदर्शन किए हो।परन्तु क्षेत्र की जनता इनके काम काज से काफी क्षुब्ध रही दर्जनों मामलों में एक तरफा कार्यवाही से पूरा थाना क्षेत्र कराह उठा।जिससे खुद भाजपाई भी काफी नाखुश दिखे।वैसे तो इनकी थाने पर तैनाती पूर्व में जिले के कप्तान रहे ओमवीर सिंह ने किया था।लेकिन इनके कार्यप्रणाली की जोर शोर से चर्चा तब तेज पकड़ लिया जब जनपद के पुलिस अधीक्षक डॉ ईरज राजा ने कार्यभार संभाला तो इनके खिलाफ शिकायतकर्ता की कतार में पीड़ितों के अलावा खुद सत्ताधारी भी उसी रेस में शामिल रहे।जिसका खामियाजा थानाध्यक्ष रहे धर्मेंद्र पाण्डेय को भुगतना पड़ा और उन्हें बीच मझधार में ही कुर्सी गंवाकर विवेचना सेल में बैठा दिया गया।सूत्रों से मिली खबर के अनुसार धर्मेंद्र पाण्डेय के कारनामे की खबर से वाकिफ हुए पुलिस अधीक्षक डॉ ईरज राजा ने इन्हें विवेचक बना दिया और यह भी तय माना जा रहा है की जब तक जिले में पुलिस अधीक्षक रहेंगे इन्हें थानेदारी करना संभव नहीं है।कुछ दिन पहले ही वरिष्ठ भाजपा नेता जितेन्द्रनाथ पाण्डेय सहित क्षेत्रीय भाजपा नेताओं ने जमकर सवालिया निशान लगाते हुए सुधार करने का भी मौका दिया था।वहीं दूसरी ओर सिगेंरा गांव में भूमि विवाद में जमकर हुए विवाद में एकपक्षीय कार्रवाई से पूरा जिला महकमा हिल उठा था।