पूर्वांचल

विद्यालय का भवन जर्जर होने पर ध्वस्त करने के बाद नहीं ले रहा कोई सुध,एक ही छत के नीचे संचालित हो रही 8 कक्षाएं

चिराग तले अंधेरा-समाज को दिशा देने वाला खुद दिशा विहिन

गाजीपुर।योगी सरकार की कोशिश है कि प्रदेश में बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले।इसके लिए सरकार कई तरह की योजनाएं भी चला रही है।अब बच्चों के ड्रेस के लिए सरकार अभिभावकों के खाते में सीधे पैसा ट्रांसफर कर रही है। मीड डे मील की व्यवस्था को और बेहतर किया गया है। योगी सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत कार्य कर रही है।कहीं से भी कोई कोताही की खबरें सामने आ रही है तो सरकार तत्काल ऐक्शन ले रही है।इसके बाद भी प्रदेश के किसी स्थान से ऐसी खबरें सामने आ जाती हैं,जिससे सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति पर पानी फिरता हुआ नजर आता है।ताजा मामला मरदह विकासखंड से सामने आया है, जहां‌ उच्च प्राथमिक व प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को एक ही छत के नीचे कंबाइंड क्लास में पढ़ाई करनी पड़ रही है।

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आपको बता दें कि जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर ब्लॉक के सराय मुबारक गांव के उच्च प्राथमिक विद्यालय तरौटी गांव में दूर-दराज के बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं।इस विद्यालय में कुल 51 बच्चे पढ़ते हैं लेकिन सुविधाओं की अगर बात की जाए तो विद्यालय उससे अछुता है।विद्यालय के प्रवेश द्वार सहित पूरा जर्जर भवन था,जिसको ध्वस्त दिया गया था।कहा गया था कि बजट आते ही भवन का निर्माण करा दिया जाएगा।लेकिन अक्टूबर 2023 से अब तक यहां नए भवन का निर्माण नहीं हो पाया है।नए भवन के निर्माण के लिए प्रभारी प्रधानाध्यापक ने कई बार उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा। इसके बाद भी आज तक भवन नहीं बन सका।जिसकी वजह से बच्चों को एक ही छत के नीचे कंबाइंड क्लासों के सहारे पढ़ाई करनी पड़ रही है।जिस भवन में कंबाइंड क्लास चल रही है उसकी भी स्थिति ठीक नहीं है। क्योंकि बारिश के समय मे उस भवन में भी रिसाव होकर पानी अंदर आ जाता है।बारिश के वक्त विद्यालय पूरा तालाब बन जाता है।ऐसे में सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि प्रधानाध्यापक के बार-बार पत्र लिखने पर भी अभी उच्चाधिकारी क्यों नहीं जागे।

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प्रधानाध्यापक रामअवध ने बताया कि हमारे यहां का जो मूल विद्यालय भवन जर्जर अवस्था में था।जिसको ध्वस्त कर दिया गया।उन्होंने हमारे विद्यालय में मूल भवन नहीं है। कक्षा एक से आठ तक के कक्षाओं का संचालन करने में काफी दिक्कत आ रही है।उन्होंने बताया कि विद्यालय में कुल 166 बच्चे हैं,जो मात्र चार अध्यापकों के भरोसे पठन पाठन कर रहे,अब तक दो दर्जन बच्चों ने अव्यवस्था का हवाला देकर पलायित कर चुके हैं।यहां पूर्व के किचन को भी तोड़ कर छोड़ दिया गया जिससे एमडीएम संचालन में भी काफी परेशानी हो रही है।उन्होंने बताया कि इसके बारे में हमने उच्चधिकारियों को पत्र के माध्यम से अवगत करा दिया है।इस संबंध में खंड शिक्षा अधिकारी राजीव कुमार यादव बताया कि जर्जर भवन का ध्वस्तीकरण कराया गया था। नए कक्षों के निर्माण के लिए शासन स्तर पर प्रस्ताव भेजा गया है।जैसे ही धन आवंटित होगा निर्माण कार्य पूरा किया जाएगा।

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