सद्गुरु की कृपा से ईश्वर का साक्षात्कार भी संभव:महेश दास
सद्गुरु की कृपा से ईश्वर का साक्षात्कार भी संभव:महेश दास
गाजीपुर।महाहर धाम शिव मंदिर परिसर में सीतादास आश्रम बेलसड़ी धाम के अनुयायियों के द्वारा भजन कीर्तन प्रवचन का आयोजन किया गया। जहां महंत बाल योगी महेश दास जी ने उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित में गुरु महिमा का बखान करते हुए उन्होंने कहाकि गुरु तथा देवता में समानता के लिए एक श्लोक के अनुसार- ‘यस्य देवे परा भक्तिर्यथा देवे तथा गुरु’ अर्थात जैसी भक्ति की आवश्यकता देवता के लिए है वैसी ही गुरु के लिए भी।बल्कि सद्गुरु की कृपा से ईश्वर का साक्षात्कार भी संभव है।गुरु की कृपा के अभाव में कुछ भी संभव नहीं है।उन्होंने कहा कि जब तीन उत्तम शिक्षक,एक माता,दूसरा पिता और तीसरा आचार्य हो तभी मनुष्य ज्ञानवान होगा। बच्चा जन्म लेने के बाद जब बोलना सीखता है तब वह सबसे पहले जो शब्द बोलता है वो शब्द होता है “मां”।एक मां ही बच्चे को बोलना, खाना-पीना, चलना-फिरना आदि सिखाती है इसलिए एक मां ही हर मनुष्य की प्रथम गुरु होती है।माता से ही बच्चा संस्कार ग्रहण करता है।माता के उच्चारण व उसकी भाषा से ही वह भाषा-ज्ञान प्राप्त करता है।यही भाषा-ज्ञान उसके संपूर्ण जीवन का आधार होता है।इस मौके पर रामनरायण यादव, शिवलाल यादव, राजीव यादव राजू, पप्पू यादव, लल्लन यादव,शिवमुनि,कमल नयन, दिनेश, राजीव,वंश बहादुर सिंह, गिरीशचंद्र, नंदलाल,रविन्द्र सिंह, आदि मौजूद रहे।