बिजली निगम के दो कर्मचारियों के उपर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए भाजपा नेता ने खोला मोर्चा,मचा हड़कंप
सीएम को शिकायती पत्र लिखकर खोला इनका काला सामराज्य का चिठ्ठा
गाजीपुर।वर्ष-2008 से ही जनपद में तैनात अंसार अली कार्यकारी सहायक,रमेश यादव कार्यकारी सहायक विद्युत वितरण खण्ड द्वितीय,द्वारा किये गये भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जाँच एवं कम समय में अधिक सम्पत्ति अर्जित किये जाने के जाने के फलस्वरूप आय से अधिक संपत्ति की जाँच तत्काल दूरस्थ स्थानान्तरण कर किये जाने के सम्बन्ध में भाजपा के वरिष्ठ नेता कुंवर रमेश सिंह पप्पू ने उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पत्राचार के माध्यम से किया जिससे बिजली निगम गाजीपुर में हड़कंप की स्थिति बन गई है।शिकायती पत्र के माध्यम से बताया कि अंसार अली एवं रमेश यादव कार्यकारी सहायक वर्ष-2008 से ही जनपद में तैनात हैं।रमेश यादव कार्यकारी सहायक,विद्युत वितरण खण्ड द्वितीय गाजीपुर वर्तमान में ठेकेदारों के बिल बाउचर पास,पे करने का काम कर रहे हैं।जबकि एक ही कार्यकारी सहायक के दोनों काम किये जाने पर ऑडिट ऑब्जेक्शन भी है और विभागीय रूल भी है कि एक ही कार्यकारी सहायक से दोनो काम न लिया जाय लेकिन सबको दरकिनार कर विभागीय अधिकारियों को मिलाकर भ्रष्टाचार करने के उद्देश्य से यह काम हथिया लिये है।यहाँ यह अवगत कराना आवश्यक है कि लगभग साढ़े तीन सौ
मीटर रीडरों की स्टलिंग कम्पनी द्वारा मीटर रीडरों का 32 माह का ईपीएफ और चार माह का वेतन।करोड़ों रूपया लेकर फरार हो गयी तथा साथ ही साथ मैन पावर की कम्पनी भारत इन्टरप्राइजेज अजय यादव जो समाजवादी पार्टी राष्ट्रीय महामंत्री शिवपाल यादव का रिश्तेदार है वह रमेश यादव कार्यकारी सहायक से मिलीभगत कर संविदा कर्मियों का ईपीएफ का करोड़ो रूपया लेकर भागी कम्पनी भारत इन्टरप्राइजेज प्रो.अजय यादव के पूर्वांचल मुख्यालय से निविदा कराकर लगभग 250 नई संविदा कर्मियों भर्ती
का मुख्य सूत्रधार है तथा साथ ही साथ यह अवगत कराना है कि अप्रैल 2023 में मैन पावर कम्पनी भारत
कर्मियों की भर्ती की गयी जिसमें रमेश यादव और कम्पनी के अजय यादव द्वारा मिलीभगत कर 50000
से 150000 रूपया लेकर भर्ती की गयी और वर्तमान योगी सरकार को बदनाम किया गया।इसके लिए मीटर रीडरों और संविदा कर्मियों द्वारा कई बार अपनी मांगों को लेकर धरना भी दिया गया लेकिन नतीजा सिफर रहा।साथ ही साथ मीटर रीडरों और संविदा कर्मियों का कमीशन के चक्कर में खूब शोषण किया गया।श्री यादव के द्वारा उक्त कार्य में जमकर भ्रष्टाचार एवं अनियमितता की गयी है।
जिसकी उच्चस्तरीय जाँच आवश्यक है।श्री यादव वर्ष 2008 से एक ही खण्ड विद्युत वितरण खण्ड द्वितीय में तैनात रहे हैं।इसके पूर्व में यह बड़े बाबू का काम देखते थे लेकिन साथ ही साथ अपनी आई.डी.अधिशासी अभियन्ता से मिलकर बनवा लिये और जमकर बिल रिवीजन भी किये हैं।इनके बिल रिवीजन आईडी की जाँच करायी जाये तो लम्बा घपला पकड़ में आ सकता है।रमेश यादव अपने गाँव में कई बीघा जमीन बनायें हैं और साथ ही साथ जनपद में मकान बनाने हेतु प्लाट भी खरीद चुके है।लाखों का बैंक बैलेंस भी किये हुए है।इतने कम समय में इतना सब कुछ कैसे संभव हो सकता है।जिसमें भयंकर भ्रष्टाचार किये है जिसकी उच्च स्तरीय जांच एवं आय से अधिक सम्पत्ति की जाँच आवश्यक है।वहीं दूसरे कार्यकारी सहायक अंसार अली जो वर्ष 2008 से ही जनपद में तैनात हैं।पहले विद्युत वितरण खण्ड प्रथम में बिल रिवीजन,पी.डी.एवं विद्युत चोरी आदि प्रकरणों में तत्कालीन अधिशासी अभियन्ता
को मिलाकर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार एवं अनियमितता किये है।अंसार अली वर्तमान में विद्युत वितरण खण्ड द्वितीय में
सीएस थ्री एव फोर बनाने का काम करते है लेकिन इसी की आड़ में बड़े पैमाने पर अधिशासी अभियन्ता से मिलकर
बिल रिवीजन एवं पी.डी.कराते हैं।इनके इस कृत्य से विभाग को करोड़ों का चूना लग रहा है लेकिन अपनी सम्पत्ति करोड़ों की बना चुके हैं।अंसार अली एक मकान भी बना चुके है और जनपद में कई प्लाट खरीद चुके है। वाराणसी में भी प्लाट खरीद चुके है,जिसकी आय से अधिक सम्पत्ति की उच्चस्तरीय जॉच आवश्यक है।
यहाँ यह बताना आवश्यक है कि दोनो कार्यकारी सहायक का गृह जनपद के ही है।लेकिन इसके बावजूद यह दोनो लम्बे समय से स्थानान्तरण नीति को दरकिनार कर विभागीय अधिकारियों को मिलाकर जनपद में बने हुए हैं और भयंकर भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। इनके पैरोकार विभाग
के ही कुछ भ्रष्ट अधिकारी हैं।यहाँ यह भी अवगत कराना आवश्यक है कि इन दोनो कार्यकारी सहायकों द्वारा
लोकसभा चुनाव-2024 में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी का खुलकर प्रचार-प्रसार समाजवादी एजेंट के तौर पर किया गया एवं साथ ही साथ रू0 4,00,000/- चंदा इकट्ठा कर समाजवादी पार्टी व प्रत्याशी को चुनाव लड़ने के लिए दिया गया।साथ ही यह भी बताना है कि यह दोनो कार्यकारी सहायक सपा,बसपा शासनकाल से ही अपना साम्राज्य स्थापित किए हुए हैं तथा भ्रष्टाचार की सारी सीमा पार कर चुके हैं।अतः मामले को संज्ञान में लेते हुए इन दोनो कार्यकारी सहायक का स्थानान्तरण दूरस्थ करते हुए विभागीय अधिकारियों के सहयोग होने के वजह से इनके कार्यकाल में किए गये भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जॉच स्टेट विजिलेन्स से कराने के साथ-साथ आय से अधिक सम्पत्ति की जाँच कराने की कृपा करें जिससे आम जनता में इन दोनो भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध सही संदेश जा सके।