ग़ाज़ीपुर

पौराणिक सिद्धपीठ पहुंचे अरूण कुमार सिंह ने कह दी बड़ी बात

जिला सहकारी बैंक के पूर्व चेयरमैन व सर्वदलीय संघर्ष समिति के संयोजक अरूण कुमार सिंह नेताजी ने पवित्र सावन के दौरान अपने परिजनों व समर्थकों संग शिव मंदिर में विधि विधान पूर्वक पूजन अर्चन व जलाभिषेक दुग्धाभिषेक करके परिजनों संग पूरे जनपद वासियों के सुखमय जीवन की प्रार्थना

गाजीपुर।जनपद के सबसे बड़े तीर्थ स्थल के रूप में विख्यात महाहर धाम शिव मंदिर परिसर में जिला सहकारी बैंक के पूर्व चेयरमैन व सर्वदलीय संघर्ष समिति के संयोजक अरूण कुमार सिंह नेताजी ने पवित्र सावन के दौरान अपने परिजनों व समर्थकों संग शिव मंदिर में विधि विधान पूर्वक पूजन अर्चन व जलाभिषेक दुग्धाभिषेक करके परिजनों संग पूरे जनपद वासियों के सुखमय जीवन की प्रार्थना भगवान भोलेनाथ शिव शंकर से की।शिव मंदिर के गर्भगृह में स्थित भगवान शिव जी,पार्वती जी,गणेश जी,कार्तिकेय जी के समक्ष विद्वान पंडित के मंत्रोच्चार के साथ विधिवत पूजा पाठ करने के उपरांत तेरहमुखी महाहर बाबा का दर्शन करके सभी लोग उनके चमत्कारी व श्रृंगारित दृश्य को देखकर प्रफुल्लित हुए।इसके बाद ब्रह्म बाबा, राधे कृष्ण मंदिर,दुर्गा माता मंदिर, विश्वकर्मा बाबा मंदिर,भैरोबाबा मंदिर,बासदेव बाबा स्थल में भी सभी ने दर्शन पूजन किया।तत्पश्चात मंदिर समिति और आसपास के गांव मौजूद लोगों का नेताजी ने कुशलक्षेम लिया।इस दौरान मीडिया कर्मियों से बातचीत में अरुण कुमार सिंह ने कहा कि यह स्थान हिन्दुओं के”आस्था” और “विश्वास” का लहुरी काशी का एक मात्र केन्द्र बिन्दु है जो महाहर धाम शिव के नाम से प्रसिद्ध है।यहां के शिव मंदिर में मन चाही मुराद बाबा भोलेनाथ पूरी करते है। आगे कहां कि इस धाम का निर्माण क्षत्रिय वंशज चक्रवर्ती सम्राट राजा दशरथ ने कराया था।यह महल दशरथ गढ़ी के नाम से आज भी वेद पुराणों में विख्यात है।वेदों व पुराणों में वर्णित कथा के अनुसार श्रवण कुमार की यही पर राजा दशरथ के द्वारा चलाए गए शब्दभेदी वाण से मृत्यु हो गई थी।धाम के दक्षिण तरफ श्रवणडीह नाम का गांव भी विद्यमान है, जहां पहले से बनाया गया श्रवण कुमार का मंदिर‌ है। यहां तेरह मुखी मुख्य शिव प्रतिमा के साथ ही शिव-पार्वती, गणेश, कार्तिकेय की युगल मूर्ति भी अद्भुत व पूजनीय है।मंदिर के सामने उत्तर से दक्षिण तरफ दिशा में एक किलोमीटर तक लम्बा सरोवर है,जहां हजारों वर्ष पहले इस स्थान पर माँ गंगा का प्रवाह था।जो अब पूरईन झील के रूप में रह गया है।इस मौके पर शीला सिंह,राज सिंह,राजेश सिंह गुड्डू प्रधान,ज्ञानेंद्र सिंह जिला महामंत्री पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ,हरहंगी सिंह, मनोज सिंह,कुंदन सिंह,प्रिंस सिंह,अंजनी सिंह उमेश सिंह कल्लू,अजीत सिंह बुलेट बाबा,ठाकुर भानु प्रताप सिंह टप्पू,ठाकुर प्रवीण सिंह,सौरभ सिंह,गोलू सिंह,राहुल सिंह आदि मौजूद रहे।

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