पुलिस अधीक्षक डॉ ईरज राजा की नेक पहल से एण्टी फ्राड सेल” का गठन
एसपी गाजीपुर डॉ ईरज राजा का ऐतिहासिक फैसला से मिलेगा राहत
गाजीपुर।जनपद में आये दिन नौकरी का झांसा देकर सरकारी/प्राईवेट भर्तियों आदि, एवं अन्य संगठित ठगी (धारा 318(4), 338, 336(3) 340(2), 316(2) 316(4) बीएनएस के तहत अपराध / धोखाधडी कर अपना काम निकाले जाने, नौकरी के नाम पर ठगी किये जाने के सम्बन्ध में “एण्टी फ्राड सेल” का गठन किया गया।जनपद में आये दिन नौकरी का झांसा देकर सरकारी/प्राईवेट भर्तियों आदि, एवं अन्य संगठित ठगी (धारा 318(4), 338, 336(3) 340(2), 316(2) 316(4) बीएनएस के तहत अपराध / धोखाधडी कर अपना काम निकाले जाने, नौकरी के नाम पर ठगी किये जाने की घटनायें प्रकाश में आयी है. इन घटनाओं के कारण आमजन मे असुरक्षा की भावना पैदा होना स्वाभाविक है। ऐसा भी हो सकता है कि प्रत्येक घटना की जानकारी पीड़ित पक्ष द्वारा पुलिस को नहीं दी जाती है तथा पीड़ित पक्ष द्वारा पुलिस को सूचना दिये जाने पर घटना की जटिलता को लेकर विधिक कार्यवाही नहीं की जाती है जिसकी परिणति इन घटनाओं में वृद्धि के रूप में हो सकती है। ऐसी घटनाएं न केवल पुलिस प्रशासन की छवि को धूमिल करती है अपितु जनता में असुरक्षा की भावना जागृत करती है। यदि इस दिशा में प्रभावी निरोधात्मक कार्यवाही एवं इन घटनाओं में संलिप्त अभियुक्तों के विरुद्ध योजनाबद्ध एवं कठोर कार्यवाही की जाये तो निश्चित ही इस प्रकार की घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लग सकेगा।
इसलिये यह आवश्यक है कि उपरोक्तानुसार घटित होने वाली घटनाओं को अत्यन्त गम्भीरता से लिये जाने हेतु जनपद स्तर पर *”एण्टी फ्राड सेल”* का गठन कर निम्नांकित अधिकारीगण को नियुक्त किया जाता है।
*1. अपर पुलिस अधीक्षक नगर, जनपद गाजीपुर। (नौडल)*
*2.अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण, जनपद गाजीपुर। (सदस्य)*
*3.क्षेत्राधिकारी अपराध जनपद गाजीपुर। (सदस्य)*
*4.प्रभारी डीसीआरबी जनपद गाजीपुर। (सदस्य)*
इस सेल द्वारा जनपद में जनपद/थानास्तर पर प्राप्त होने वाले प्रार्थना पत्रों में से निम्नांकित प्रकार के प्राप्त सभी प्रार्थना पत्रों को पृथक कराकर सभी में की जा रही कार्यवाही की समीक्षा की जायेगी तथा की गयी कार्यवाही की क्रास चेकिंग कर अधीनस्थों के माध्यम से गुणवता की भी जांच की जायेगी।
*नौकरी का झांसा देकर आम जनता को ठगने बाले।*
*सरकारी/प्राइवेट भर्तियों में कार्यों को सुगमता से कराने आदि के नाम पर ठगी, गुमराह करने वाले।*
* अन्य संगठित ठगी (05 लाख से अधिक की सम्पत्ति आदि संबंधित) करने के सम्बन्ध में यथा धारा 318(4),338, 336(3),340(2) 316(2), 316(4) बीएनएस के तहत आने बाले अपराध।*
समस्त थाना प्रभारी उपर्युक्त सम्बन्धी सभी प्रकार की शिकायतें प्राप्त होने पर समस्त प्रार्थना पत्रों को गठित सैल को प्रेषित करेंगे, तत्पश्चात प्रार्थना पत्रों को सेल में बनाये गये रजिस्टर में दर्ज कराकर, जॉच हेतु तत्काल सम्बन्धित क्षेत्राधिकारी को प्रेषित किया जायेगा।
इस सेल में नियुक्त राजपत्रित/पर्यवेक्षण अधिकारी अपने अधीनस्यों के माध्यम से जनपद स्तर/थानास्तर पर प्राप्त उपर्युक्त प्रकार की सभी शिकायती प्रार्थना पत्रों को गम्भीरता से लेकर अभिलेखीकरण किये जाने हेतु अपर पुलिस अधीक्षक नगर कार्यालय में एक रजिस्टर तैयार करायेगे, जिसमें थानों से प्राप्त होने वाले सभी प्रार्थना पत्रो/आख्याओं को अभिलिखित कर रिपोर्ट की अद्यतन स्थिति से अवगत होते हुए प्रकरण में किस प्रकार की कार्यवाही की जा चुकी है अग्रिम विधिक कार्यवाही की आवश्यकता है या नहीं? के साथ मेरे अवलोकनार्थ प्रस्तुत किया जायेगा, जिस पर मेरे द्वारा अन्तिम निर्णय लिया जायेगा। उपर्युक्त समस्त कार्यवाही जनपद/थानास्तर पर प्राप्त होने वाले समस्त प्रार्थनापत्रों की जाँच पूर्ण करने की अधिकतम समय सीमा 15 दिवस निर्धारित की गयी है। एण्टी फाड सेल मीटिंग प्रत्येक सप्ताह में करने कार्यवृत्त तैयार किया जायेगा। जिससे अधिक समय व्यतीत होने पर किसी भी अधिकारी/कर्मचारीगण की उदासीनता परिलक्षित होने पर बिना स्पष्टीकरण की मांग किये दण्डात्मक कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।