ग़ाज़ीपुर

भुखमरी के कगार पर पहुंच गए बिजली निगम के संविदा कर्मी

गाजीपुर।विद्युत विभाग में निविदा पर कार्यरत मीटर रीडरो ने राज्यसभा सांसद संगीता बलवंत से मिलकर न्याय की गुहार लगाई है

गाजीपुर।विद्युत विभाग में निविदा पर कार्यरत मीटर रीडरो ने राज्यसभा सांसद संगीता बलवंत से मिलकर न्याय की गुहार लगाई है।वही समस्त मीटर रीडरो ने कंपनी और विद्युत विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि सन 2017 से 9 जुलाई 2024 तक मीटर रीडिंग का कार्य करा रही मेसर्स युवा शक्ति कांट्रक्शन, एन सॉफ्ट इंडिया सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड,मेसर्स स्टर्लिंग टेक्नोलोजी एंड सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड का विद्युत विभाग से डोर टू डोर बिलिंग कराने का अनुबंध था जो कार्य तो मीटर रीडरों से खूब करवाई गई मगर तीनों के तीनों कंपनियों ने विद्युत विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की मिलीभगत से अरबों रुपए लेकर भाग गई,जिसमे मीटर रीडरों के सामने एक एक मेहनत के पैसे के लाले पड़ गए हैं वही इन मीटर रीडरों का परिवार भुखमरी के कगार पर आ गया है,वही बच्चों को पढ़ाने लिखाने में कठिनाई हो गई है। हम बात करते हैं सन 2017 की जिसमे युवा शक्ति कांट्रक्शन बलिया प्रोपराइटर अनूप तिवारी की कंपनी जिले में 1 अप्रैल 2017 से 31 अगस्त 2018 तक बिलिंग का कार्य करवाई जिसमे गाजीपुर जिले के विद्युत वितरण खण्ड द्वितीय आमघाट में अकाउंटेड,बड़े बाबू से लेकर कैशियर,एक्सियन,एसडीओ, जेई एवं डिस्कॉम ऑफिस वाराणसी के उच्चाधिकारियों एवं कर्मचारियों की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर कंपनी के बिल बाउचर पर फर्जी तरीके से साइन कराकर लाखों रुपए डकार गए जिसमें मीटर रीडरों का बड़े पैमाने पर एक साल का ईपीएफ और चार माह का मानदेय को लुट लिया गया। वही 1 सितंबर 2018 से 31 अक्टूबर 2021 तक मेसर्स एन सॉफ्ट इंडिया कंपनी बिलिंग का कार्य जिले के साथ ही साथ पूरे पूर्वांचल के 11 जिलों में कराई जिसमे डिस्कॉम ऑफिस वाराणसी के उच्चाधिकारियों एवं कर्मचारियों की मिलीभगत से 2 माह की मानदेय एवं एक साल का ईपीएफ और 15,15 हजार की डीडी 350 मीटर रीडरों का लेकर भाग गई हुवा कुछ नहीं। फिर 1 नवंबर 2021 से 9 जुलाई 2024 तक मेसर्स स्टर्लिंग टेक्नोलोजी एंड सर्विसेज कंपनी बिलिंग कराने का ठेका डिस्कॉम ऑफिस से लेती है और पूरे पूर्वांचल के 11 जिलों में रीडिंग की कार्य करवाती है,वही जिले में 350 मीटर रीडर कंपनी में कार्यरत थे फिर अचानक 4 माह की कर्मचारियों का मानदेय और 32 महीने का ईपीएफ लेकर रफू चक्कर हो जाती है,जबकि साल भर पहले से जिले के मीटर रीडर बार बार अधीक्षण अभियंता,अधिशाषी अभियंता,मुख्य अभियंता वाराणसी,प्रबंधक निदेशक वाराणसी,ऊर्जा सचिव लखनऊ को लिखित रूप से अवगत अपनी बकाया वेतन और 32 माह का ईपीएफ लेने के लिए कराते रहे वही अधीक्षण अभियंता गाजीपुर के सामने लिखित रूप से वार्ता भी कई बार हुई परन्तु इन डिस्कॉम ऑफिस वाराणसी की मिलीभगत से मेसर्स स्टर्लिंग कंपनी भी सब लेकर भाग गई। इस हालात में मीटर रीडर,‌ सुपरवाइजर भूखमरी के कगार पर आ गए वही एक एक पैसे के लाले पड़ गए हैं। जिसमें इसी सब प्रकरण को लेकर माननीय राज्यसभा सांसद संगीता बलवंत से पीड़ित मीटर रीडर मिले और इन तीनों कंपनियों एवं विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों की मिलीभगत की उच्चस्तरीय जांच कराने एवं बकाया वेतन और ईपीएफ दिलवाने की गुहार लगाई जिस पर माननीय राज्यसभा सांसद ने तत्काल एमडी पूर्वांचल को फोन भी लगाई अफसोस माननीय का भी फोन उठाना एमडी मुनासिफ नहीं समझे जिसमें मौके पर माननीय राज्यसभा सांसद ने ऊर्जा सचिव को पत्र के माध्यम से अवगत कराया है और मांग की है कि तत्काल इन गरीब मजदूरों का एक एक बकाया पैसा दिया जाय एवं इसकी उच्चस्तरीय जांच कमेटी बनाकर जांच कराई जाय ताकि सत्य सामने आए और इन गरीब मजदूरों का पैसा डकारने वालो के उपर सख्त से सख्त कार्यवाही हो ताकि मुख्यमंत्री जी के जीरो टारलेंस नीति पर कोई आंच ना आए और इन गरीबों को अपना हक समय से मिलता रहे।
पत्रक देने में मुख्य रूप से मीटर रीडर सुनील,राहुल,अभिषेक, रमेश,प्रमोद,गिरधारी,मुकेश,प्रेमप्रकाश,राकेश,अजय,मनोहर, सुनील,अजीत,राहुल,आशीष,कुलदीप सहित सैकडो मीटर रीडर उपस्थित रहे।

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