तीन-तीन अधिकृत कंपनियां प्रदेश में मीटर रीडरों का अरबों रुपया बकाया लगाकर भाग गई हैं,विभाग भी इस बात को बखूबी जान रहा है।
गाजीपुर में ही तीन सौ मीटर रीडर हैं प्रभावित, पहली कंपनी 2015 में आई 2017 में भागी इसी तरह दो और कंपनियां भाग गई
अब विभाग फिर नई कंपनी लाया है, विभाग अपनी जिम्मेदारियों से नहीं भाग सकता, उसे अपने कर्मियों का साथ देना होगा। वही पत्रक जब दिया गया तो उन्होंने पढ़ते हुवे बताया कि,मीटर रीडर्स बिजली विभाग का अहम हिस्सा है, मीटर रीडरों को समस्या बड़ी है, इस पर उठाऊंगा सदन में सवाल
गाजीपुर।बिजली विभाग में जहां विद्युत कर्मी परेशान हैं और आए दिन जिले के सबसे बड़े विद्युत अधिकारी अधीक्षण अभियंता का घेराव और प्रदर्शन कर रहे हैं,कारण है कि बिजली विभाग ने सरकारी कर्मियों की जगह अब प्राइवेट कंपनियों के जरिए आउट सोर्स कर्मियों से बिजली उपभोक्ताओं के मीटर रीडिंग का कार्य करा रही है और कमीशन बेसिस पर काम करने वाली तीन तीन कंपनिया इन मीटर रीडरों का करोड़ों रुपया वेतन और ईपीएफ के साथ कंपनियों द्वारा 15 हजार रुपया प्रत्येक कर्मियों से सिक्यूरिटी का डिपॉजिट कराया गया था वो लेकर एक नहीं तीन तीन कंपनियां जो उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन से अधिकृत हैं वो भाग गई हैं अब कर्मचारियों के सामने विभाग ने एक चौथी नई कंपनी लाकर खड़ी कर दी है,जो पहले से तय मानदेय से भी कम मानदेय पर इनसे काम कराना चाहती है और पुराने बकाए की जिम्मेदारी कोई नहीं ले रहा,ऐसा आरोप धरना प्रदर्शन कर रहे आउट सोर्स कर्मी कर रहे हैं।विभाग के अधिकारी भी इस बात को मानते हैं कि कार्यदाई संस्थाएं इनका पेमेंट बाकी लगाकर भाग गई हैं।अब बलिया लोकसभा सीट से सपा सांसद सनातन पांडेय को भी मीटर रीडरो ने पत्रक दिया जिसमें सांसद सामने आए हैं और बिजली विभाग के इन कर्मियों की समस्याओं के लिए सदन में इस बाबत प्रश्न उठाने की बात कहे हैं।एक आंकड़े पर गौर करें तो सिर्फ गाजीपुर जनपद में जहां सात तहसीलें हैं वहां लगभग तीन सौ मीटर रीडर सेवा प्रदाता कंपनियों के जरिए सरकारी काम कर रहे हैं और यूपी के कुल 75 जिलों में देखा जाए तो इनकी संख्या लगभग 22 हजार कर्मियों से ज्यादा होगी।ऐसे में आरोप है कि विभाग के उच्चाधिकारियों से मिलकर ये सेवा प्रदाता कंपनियां हर जिले और डिविजन में कर्मियों का मोटा वेतन बकाया लगाकर अपना भुगतान लेकर चंपत हो गई हैं,अब विभाग इस बात से पल्ला झाड़कर चाहता है कि परेशान और आर्थिक रूप से कमजोर बिजली कर्मी अपनी लड़ाई खुद लड़ें, लेकिन जनप्रतिनिधि और सांसद अब इन कर्मियों की लड़ाई सड़क से सदन तक लड़ने की बात कह रहे हैं।इस मौके पर राहुल सिहं,बृजेश पांडेय, विशाल मद्धेशिया,रविशंकर शर्मा,अशोक यादव,जितेन्द्र यादव,राहुल सिहं यादव,राजन कुमार,रामप्रवेश यादव,राजीव यादव राजू आदि मौजूद रहे।