कोई नही समझ रहा है बे जुबान जानवरो का दर्द
कर्मचारियों की लापरवाही के वजह से मारे मारे फिर रहे हैं वे जुबान जानवर
कोई नही समझ रहा है बे जुबान जानवरो का दर्द,कर्मचारियों की लापरवाही के वजह से मारे मारे फिर रहे हैं वे जुबान जानवर,इनका दर्द कोई सुनने वाला नहीं
(रिपोर्ट:आबिद शमीम)नंदगंज गाजीपुर।कभी इधर उधर मारे मारे फिर रहे हैं ये बे जुबान जानवर सिर्फ अधिकारियों और कर्मचारियों के वजह से नंदगंज में आवारा पशु नुकसान पहुंचा रहे हैं। किसानों द्वारा कई बार ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों को इस बाबत प्रार्थना पत्र देने के बाद भी समाधान नहीं मिला। गोरक्षा करने के लिए सरकार की ओर से फंड दिया जाता है। मगर सड़क और खेतों में घुम रही गायों की कोई रक्षा नहीं की जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में लोग बाहर से लाकर भी पशुओं को छोड़ जाते हैं। ऐसे में यह समस्या दिन प्रतिदिन गहराती जा रही है। नतीजतन,लोगो को परेशान होना पड़ रहा है।ऐसा नहीं है कि इस क्षेत्र में गौशालाएं नहीं हैं। इस क्षेत्र में गौशालाओं को सरकार द्वारा लाखों रुपए की आर्थिक सहायता प्रति वर्ष मुहैया कराई जाती है।सूत्रों के अनुसार गौरक्षा के नाम से मिलने वाले इस फंड को गौशाला संचालक डकार जाते हैं। यही कारण है कि आवारा गाएं भूखी-प्यासी दिनभर सड़क पर घूमती रहती हैं। शासन-प्रशासन ने भी इन मवेशियों की रोकथाम के लिये कोई कदम नहीं उठाए हैं जिस वजह से इन बे जुबान दर्द कोई नही सुन रहा और ये सड़क पर मारे मारे फिर रही है।