भारत के मुख्य न्यायाधीश के हाथों डिग्री व पदक मिलना गर्व की बात:प्रियंवदा प्रियदर्शनी
डॉ.राममनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय का तीसरा दीक्षांत समारोह
लखनऊ।डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, लखनऊ में तीसरे दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के कुलपति महोदय ने इस अवसर पर सभी गणमान्य अतिथियों का हार्दिक स्वागत किया।इस समारोह में मुख्य अतिथि भारत के मुख्य न्यायाधीश श्री डी.वाई. चंद्रचूड़, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश श्री अरुण भंसाली, और कैबिनेट मंत्री- उ.प्र. (उच्च शिक्षा) श्री योगेंद्र उपाध्याय समेत अन्य प्रतिष्ठित व्यक्ति उपस्थित थे।गोल्ड,सिल्वर और best Law of Taxation में गोल्ड मेडल मिलने के बाद प्रियंवदा प्रियदर्शनी ने कहाकि”मेरी शैक्षणिक यात्रा बिहार और गोरखपुर के साधारण परिवेश में शुरू हुई, जहाँ मैंने न्यायिक करियर शुरू करने की उत्कट आकांक्षा को पोषित किया। अटूट समर्पण के साथ, मैंने कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT) की तैयारी की और मुझे प्रतिष्ठित डॉ. राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में एक प्रतिष्ठित स्थान प्राप्त करने का सौभाग्य मिला। एक छोटे शहर के मूल निवासी के रूप में, मुझे शुरू में विश्वविद्यालय के महानगरीय वातावरण में ढलने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, जहाँ विभिन्न पृष्ठभूमि के छात्र कानूनी अध्ययन करने के लिए एकत्रित होते थे। हालाँकि, मैं अपने विद्वान प्रोफेसरों और दयालु मित्रों से मार्गदर्शन और समर्थन प्राप्त करने के लिए बेहद भाग्यशाली थी, जिन्होंने मेरी शैक्षणिक यात्रा के दौरान दृढ़ता से मेरा साथ दिया। मेरा एल्मा मेटर, RMLNLU, मेरे जीवन का सबसे परिवर्तनकारी और समृद्ध अनुभव रहा है, और मैं आज जो हूँ, उसे गढ़ने के लिए इस प्रतिष्ठित संस्थान का हमेशा ऋणी रहूँगी।”मुख्य न्यायाधीश श्री डी.वाई. चंद्रचूड़ ने छात्रों को शुभकामनाएं दीं और विधि के क्षेत्र में विश्वविद्यालय के योगदान की सराहना की। उन्होंने विधि के शिक्षण को क्षेत्रीय भाषाओं में प्रोत्साहन देने की प्रेरणा भी दी।इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने छात्रों को प्रेरणादायक आशीर्वचन दिए। इसके पश्चात भारत के मुख्य न्यायाधीश श्री चंद्रचूड़ ने समारोह की औपचारिक शुरुआत की घोषणा की और विश्वविद्यालय के विभिन्न कार्यक्रमों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को स्वर्ण पदक प्रदान किए।यह विश्वविद्यालय का तीसरा दीक्षांत समारोह था, जो कि 9 वर्षों के अंतराल के पश्चात संपन्न हुआ। विश्वविद्यालय में लगभग 2000 छात्रों को डिग्रियां प्रदान की गईं, जिनमें से पीएचडी के 68 छात्र, डिप्लोमा के 182 छात्र, एल.एल.एम. के 200 छात्र, और बी.ए. एल.एल.बी. ऑनर्स के 1448 छात्रों को डिग्री प्रदान की गई। अन्य छात्रों को मेडल एवं डिग्रियां माननीय शिक्षा मंत्री श्री योगेंद्र उपाध्याय, विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर बलराज चौहान, डॉ. राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, प्रयागराज की कुलपति प्रोफेसर उषा टंडन, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अमरपाल सिंह, प्रोफेसर संजय सिंह, और प्रोफेसर वंदना सिंह ने प्रदान की।