ग़ाज़ीपुर

दर्जनों मौतों का सौदागर ओम हॉस्पिटल संचालक अब नए नाम से रजिस्ट्रेशन करने के फिराक में

डिप्टी सीएमओ मुंशीलाल एवं प्रमोद बाबू मोटी रकम लेकर सारे नियमों को ताख पर रखकर कर देते हैं नया रजिस्ट्रेशन

स्वास्थ्य मंत्री जी गाजीपुर में आपके आदेशों को भी रखा जाता है ताख पर-हॉस्पिटल सीज होने के बाद भी फिर से शिव अस्पताल नाम से नये रजिस्ट्रेशन कराने के फिराक में संचालक-स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां अस्पताल के नाम पर होता है जिस्म फरोशी का धंधा जिससे बहू बेटियों को होती है परेशानी-हॉस्पिटल संचालक विभाग को मोटी रकम चुका कर नए नाम से कर लेता है रजिस्ट्रेशन।गाजीपुर- नन्दगंज : बाजार से चोचकपुर मार्ग पर बरहपुर गांव स्थित ओम हॉस्पिटल जो कि कुछ दिनों पहले का सीज हो चुका है। अब अस्पताल संचालक राजू कुशवाहा विभागीय कर्मचारियों के मिली भगत से नए नाम से रजिस्ट्रेशन करने की फिराक में लगा है। दर्जनों प्रसूताओं की मौतों का सौदागर यह अस्पताल संचालक राजू कुशवाहा हमेशा सुर्खियों में बना रहता है। इसके हॉस्पिटल में जब किसी की मौत की वजह से हंगामा होता है तो विभाग अपनी खानापूर्ति करते हुए अस्पताल को सीज कर देता है। बाद में कुछ ले देकर नए नाम से रजिस्ट्रेशन भी कर देता है। विभागीय अधिकारियों से बार-बार गुहार करने के बावजूद भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो इसकी शिकायत मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री से स्थानीय लोगों ने किया तो मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर देश दीपक पाल ने इसे संज्ञान में लेकर तुरंत अस्पताल को सीज करवा दिया।

बता दें कि पहले इस हास्पिटल का रजिस्ट्रेशन शिवांगी हॉस्पिटल के नाम से था।यहा पर मौत हुई हंगामा हुआ तो सीज कर ओम हॉस्पिटल के नाम से रजिस्ट्रेशन हो गया। ऐसी ही स्थिति फिर उत्पन्न हुई तो पुनः उसे भी सीज कर न्यू ओम हॉस्पिटल नाम से रजिस्ट्रेशन हो गया। अभी कुछ दिनों पहले यहां पर ऐसी स्थिती उत्पन्न होने पर स्थानीय लोगों ने शिकायत की तो विभागीय जांच के दौरान डॉक्टर की डिग्री फर्जी फर्जी पाई गई इतना ही नहीं अस्पताल संचालक खुद से सीएमओ के नाम से हस्ताक्षर कर फर्जी रजिस्ट्रेशन कर दिया था। इसके बावजूद भी डिप्टी सीएमओ मुंशीलाल एवं प्रमोद बाबू की मिली भगत से उसी मकान में नए अस्पताल के रजिस्ट्रेशन करने के लिए निरीक्षण करने गए थे। सूत्रों की माने तो अस्पताल संचालक कहता है कि ढाई लाख रुपये प्रमोद बाबू को दिया हूं और निरीक्षण में आए डिप्टी सीएम मुंशीलाल और बाबू दीपक श्रीवास्तव को ₹15000 देकर अपना काम कर लिया हू। सीएमओ ऑफिस में सब काम पैसे से होता है स्थानीय लोगों की सबसे बड़ी शिकायत यह है कि संचालक राजू कुशवाहा अस्पताल संचालन के आड़ में जिसमें जिस्म का भी धंधा करवाता है जिससे कि हम लोगों के बहन बेटियों और बच्चों पर बुरा असर पड़ता है इसकी शिकायत कई बार पुलिस प्रशासन और सीएमओ से भी की जा चुकी है।लेकिन मामला सब पैसे ले देकर खत्म कर दिया जाता है।अब देखना यह है कि विभाग मोटी रकम लेकर फिर से उसी जगह नए नाम से रजिस्ट्रेशन कर देता है या डिप्टी सीएम एवं स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक के आदेशों का पालन करता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button